#NashaMuktJeevan बकेट चैलेंज को भारी सफलता मिली है। इसमें 30 से अधिक प्रभावशाली हस्तियों को जोड़ा गया और 30 लाख से अधिक लोगों तक इसने अपनी पहुंच बनाई। अब HARYANA STATE NARCOTICS CONTROL BUREAU (HSNCB) ने #BreakTheCycle बकेट चैलेंज का शुभारंभ किया है। इस पहल का उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना और पुनर्वास की दिशा में पहला कदम उठाने में उनकी सहायता करना है।

यह था पहला बकेट चैलेंज

#NashaMuktJeevan बकेट चैलेंज की सरल लेकिन गहरी सोच है कि एक बाल्टी में भरे कीचड़युक्त पानी को फेंकना, जो नशे को त्यागने का प्रतीक है। इस अभियान ने लाखों लोगों को इस पहल से जोड़ा और सोशल मीडिया पर नशे और पुनर्वास पर सार्थक चर्चाओं की शुरुआत की।

यह शख्सियत इस अभियान से जुड़ी

अभिनेता राजकुमार राव
बॉक्सर विजेंदर सिंह
अभिनेता यशपाल शर्मा
गायक मासूम शर्मा
रैपर जोड़ी MD&KD
दंगल गर्ल बबीता फोगाट
अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान गीतिका जाखड़

इस तरह बदली नशे करने वालों की जिंदगी

इस अभियान से प्रेरित होने वालों में से एक हैं रोहतक के 27 वर्षीय राजेश (बदला हुआ नाम), जो कई वर्षों से नशे की लत से जूझ रहे थे। जब उन्होंने सोशल मीडिया पर इस चैलेंज को देखा तो उन्हें भी नशा छोड़ने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि मुझे महसूस हुआ कि मैं इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं। जब इतने लोग नशामुक्त जीवन की ओर बढ़ रहे हैं तो मैं भी यह कर सकता हूं।

अब यह अभियान चलेगा

#BreakTheCycle बकेट चैलेंज विशेष रूप से उन लोगों पर केंद्रित है, जो नशे की लत से जूझ रहे हैं। अगले दो सप्ताह में इस अभियान के तहत नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे कीचड़युक्त पानी से भरी बाल्टी को फेंकें। यह नशे की बेड़ियों को तोड़ने का प्रतीकात्मक कदम होगा। संकल्प लें कि वे जीवनभर नशे से दूर रहेंगे। तीन अन्य लोगों को इस संकल्प में शामिल करें, जिससे यह जागरूकता समाज में और अधिक गहराई तक पहुंचे। इसके तहत समुदायों, स्वयंसेवकों और पुनर्वास केंद्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को समुचित परामर्श, पुनर्वास और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।

DGP HSNCB की अपील 

HSNCB के प्रमुख एवं हरियाणा पुलिस के DGP ओपी सिंह ने कहा कि नशे की लत एक दुष्चक्र है, लेकिन सही समर्थन, मजबूत संकल्प और समाज की भागीदारी से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। यह अभियान केवल जागरूकता के लिए नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई के लिए है।