दिल्ली के साथ हरियाणा की हवा भी लगातार प्रदूषित हो रही है। इसका बड़ा कारण किसानों द्वारा पराली जलाना माना जा रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हिसार में पराली जलाते पकड़े गए 11 किसानों पर 27500 रुपये का जुर्माना लगाया है। फतेहाबाद में भी 26 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। यहां भी पराली जलाने वालों पर 32500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने वालों से भारी जुर्माना वसूला जाएगा, लेकिन पराली न जलाने के आदेशों का पालन किया तो लाखों रुपये का इनाम भी दिया जाएगा।
गुरुग्राम और रोहतक दस प्रदूषित शहरों में शुमार
वायु गुणवत्ता सूचकांक में गुरुग्राम देश के सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है, जबकि रोहतक सातवें स्थान पर है। दिल्ली की बात करें तो इस सूची में तीसरे स्थान पर है। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार इस वायु प्रदूषण के लिए हरियाणा की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा देती है।
हरियाणा सरकार की बात करें तो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इसके तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग की ओर से धान अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को बतौर प्रोत्साहन राशि 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा किसानों को अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र भी सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। इन सबके बावजूद पराली जलाई जा रही है, लिहाजा हरियाणा सरकार ने सख्त कार्रवाई करने का फैसला ले लिया है।
फतेहाबाद के 33 गांव रेड जोन में
फतेहाबाद में पराली जलाए जाने के 26 मामले सामने आए हैं। यहां के 33 गांव रेड जोन और 71 गांव येलो जोन में आ चुके हैं। ऐसे में किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो अगर किसी गांव में पराली जलाए जाने का एक भी मामला सामने नहीं आता है, तो उस गांव को इनाम भी दिया जाता है।
अगर कोई जिला रेड जोन में है और गांव में पराली जलाए जाने का एक भी मामला सामने नहीं आता है, तो उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। अगर येलो जोन वाले गांव में पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आता है, तो उस गांव को बतौर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महीवाल ने किसानों से अपील की है कि पराली प्रबंधन के लिए सरकार की योजना का लाभ उठाना चाहिए। पराली जलाने से जहां वायु प्रदूषण बढ़ता है, वहीं पराली जलाने वाले किसानों को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इसलिए किसानों को पराली जलाने से बचना चाहिए।
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