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Bharat Ratna: देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद अब पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को भी हरियाणा से भारत रत्न देने की मांग उठाई गई है।

Bharat Ratna: देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद अब पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को भी भारत रत्न देने की मांग हरियाणा से उठी है। यह मांग देवीलाल के पोते अभय सिंह चौटाला ने अपने दादा को भारत रत्न देने की मांग करते हुए, उनके द्वारा किए गए समाज कल्याण के कामों की लिस्ट गिनवाई है।

सरकार ने भारत रत्न के लिए तीन और नामों का ऐलान किया था। पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न दिया गया। वहीं, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी थी। किसान नेता रमेश दलाल ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया तो वहीं ताऊ देवीलाल को भी भारत रत्न देने की मांग की है।

मजबूरी में दिया गया भारत रत्न

चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के प्रति यदि इन लोगों के दिलों में सम्मान था तो उन्हें काफी पहले यह सम्मान दिया जाना चाहिए था। यह मन से नहीं बल्कि मजबूरी में दिया गया भारत रत्न है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस फैसले से जाटों या किसानों को राजी नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार का चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला सिर्फ इसलिए किया गया है, ताकि उनके पोते जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हो जाएं।

भारत रत्न देने की बताई वजह

अभय चौटाला ने स्व. देवीलाल को भारत रत्न देने की मांग करते हुए कहा कि बुजुर्गों के लिए पेंशन, किसानों के कर्ज माफ करने और आम लोगों के कल्याण की योजनाएं चौधरी साहब की देन हैं। उन्होंने साथ ही बाबू जगजीवन राम को भी भारत रत्न देने की मांग की है, जिन्होंने दलित समाज के कल्याण के लिए अनेक काम किए। चौटाला ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पहले भारत रत्न मिलना चाहिए था। स्वामीनाथन को असल मायने में भारत रत्न तभी मिल जाना चाहिए था, जब उनकी बनाई गई रिपोर्ट को लागू किया।

किसानों की लड़ाई लड़ेगी इनेलो

अभय चौटाला ने 20 फरवरी से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में सरकार से बजट खर्च पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बजट का सारा पैसा घोटालों में बर्बाद हो रहा है। सहकारिता घोटाले की 1995 से जांच कराने की बात कही जा रही है।

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पिछले 10 साल से सरकार कहां थी। अपनी कमियों को छिपाने के लिए 1995 से घोटाले की जांच की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा जा रहा है। इनेलो ने पहले भी किसानों की लड़ाई लड़ी। आगे भी जरूरत पड़ी तो उनकी लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ी जाएगी। अभय चौटाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार से जवाब मांगने के लिए मैं विधानसभा में अकेला ही काफी हूं।

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