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Ranjit Chautala Resignation: हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे को लेकर 30 अप्रैल को फैसला सुनाया गया और उन्हें मंजूरी मिल गई।

Ranjit Chautala Resignation: सिरसा की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे को लेकर आज फैसला सुनाया जाएगा। इससे पहले इस इस्तीफे की वेरिफिकेशन के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन वह उनसे मिलने नहीं गए थे। इसके बाद स्पीकर ने 30 अप्रैल को फिर से पेश होने के लिए कहा।

इस्तीफे को मिली मंजूरी 

अब जाकर आज रणजीत चौटाला के व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस्तीफे का सत्यापन कर लिया है और कहा कि यह इस्तीफा किसी दवाब या लालच में नहीं भेजा गया है। 24 मार्च से ही हमने रणजीत चौटाला का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि  रणजीत चौटाला मंत्री पद पर बने रहेंगे। नियम के अनुसार, विधायक न रहने के बाद भी रणजीत चौटाला 6 महीने तक मंत्री बने रहेंगे

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया है कि रणजीत सिंह चौटाला विधानसभा से अपना इस्तीफा 24 मार्च को मैसेंजर के माध्यम से भेज चुके हैं। इस इस्तीफे के स्पष्टीकरण के लिए आज उन्हें व्यक्तिगत रूप से दोबारा पेश होने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि इससे पहले वह किसा कारणवश नहीं आ सके थे। बता दें कि रणजीत चौटाला अब बीजेपी में ज्वाइन कर चुके हैं। इसके बाद बीजेपी से उन्हें हिसार लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

पिछली तारीख से स्वीकार करना होगा इस्तीफा

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के कानूनी विश्लेषक और वकील हेमंत कुमार ने बताया कि विधानसभा के स्पीकर द्वारा रणजीत चौटाला का विधानसभा सदस्यता से दिया गया इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। अगर उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत सदन की अयोग्यता से बचाना है, तो स्पीकर को रणजीत चौटाला का विधायक पद से इस्तीफा 24 मार्च से ही स्वीकार करना होगा। हालांकि, इस बात को लेकर स्पीकर की ओर से अभी तक किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया गया है।

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इस वजह से इस्तीफे को नहीं मिली मंजूरी

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता का हाल ही में इस इस्तीफे को लेकर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने रणजीत सिंह चौटाला को 23 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था। उन्होंने ये भी  कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि यदि कोई सदस्य विधानसभा से इस्तीफा देता है, तो यह सत्यापित करना हमारा काम है। ताकी इस बात की पुष्टि की जा सके कि किसी ने अपना दबाव या मजबूरी में न भेजा हो।

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