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हरियाणा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर पर सैकड़ों छात्राओं ने अश्लील हरकत करने व उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया। छात्राओं ने एक गुनमान पत्र लिखकर प्रोफेसर की सच्चाई सामने रखी।

Sirsa : चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर पर सैकड़ों छात्राओं ने अश्लील हरकत करने व उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया। छात्राओं के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने पर पूरे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया। इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर ग्रेजुएशन स्टडी की छात्राओं ने एक गुमनाम पत्र भी लिखा है। इस विभाग में 500 छात्राएं पढ़ती हैं। पत्र में छात्राओं ने लिखा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सरकार शैतान डीन से बेटियों को बचाओ। राष्ट्रीय महिला आयोग, हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, हरियाणा के गृहमंत्री और विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे गए इस पत्र में छात्राओं ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की।

गुमनाम पत्र लिखकर छात्राओं ने लगाया आरोप 

छात्राओं द्वारा लिखे गुमनाम पत्र में लिखा है कि यह प्रोफेसर कई महीने से उनके साथ अकेले में गंदी और अश्लील हरकतें कर रहा है। वह सभी को अति चरित्रवान व्यक्ति होने का झूठा दिखावा करता है, लेकिन कड़वी सच्चाई कुछ और ही है। यूनिवर्सिटी के कुलपति उन पर बहुत विश्वास करते हैं। वह लड़कियों को अलग-अलग अकेले में अपने ऑफिस के बाथरूम में बुलाता है और सभी स्टाफ के सदस्यों को बाहर निकाल कर उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूता है। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो वह धमकी देता है कि कहीं पर कोई भी शिकायत की तो इसका अंजाम बुरा होगा। वह लड़कियों को धमकता है कि तुम्हारे सारे सबूत नष्ट कर दिए हैं। अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

लंबे समय से हैं छात्राएं मानसिक उत्पीड़न का शिकार 

छात्राओं ने पत्र में लिखा कि पीड़ित छात्राएं लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रही है। प्रोफेसर ने अपने कार्यालय की सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवा रखी हैं। छात्राओं ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से करवाने और तब तक प्रोफेसर को पद से हटाने की मांग की, ताकि वह जांच को प्रभावित न कर सके। उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन पर अब कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने सभी उच्च पदस्थ नेताओं और अधिकारियों से आग्रह किया  कि अगर वह इन लड़कियों को न्याय दिलवाने में समर्थ हैं तो कम से कम इस डीन को हटाकर किसी अन्य को नियुक्त करें ताकि छात्राओं की इज्जत और आबरू सुरक्षित रह सके।

परिवार की इज्जत के लिए छात्राओं ने छुपाई पहचान 

छात्राओं ने पत्र में अपना सही नाम व मोबाइल नंबर लिखने में असमर्थता जाहिर करते हुए लिखा कि यह हमारे परिवार वालों की इज्जत बेइज्जती व भविष्य का सवाल है। हमें इस पढ़ाई से ज्यादा चिंता अपनी इज्जत की है। उक्त प्रोफेसर पीड़ित छात्राओं को विरोध करने पर विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी देता है और कहता है कि अगर उसकी बात मानी गई तो पेपर के समय नंबर बढ़ाए जाएंगे और प्रैक्टिकल में भी अच्छे नंबर लगवाए जाएंगे। पत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि यह प्रोफेसर बहुत अधिक राजनीतिक प्रभाव वाला है।

कुलपति ने बोलने से किया इनकार, रजिस्ट्रार ने पत्र मिलने की बात की स्वीकार

इस मामले में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं रजिस्ट्रार आरके बंसल ने गुमनाम पत्र मिलने की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि इसकी गंभीरता पूर्वक जांच करवाई जाएगी। उधर आरोपित प्रोफेसर ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार देते हुए कहा कि वह इस मामले को लेकर कुलपति से मिलेंगे।

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