Haryana CM: विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही हरियाणा में चुनावी गर्मी बढ़ने लगी है। राजनीतिक दल गठबंधन के साथियों की तलाश के साथ-साथ विजयी समीकरण बनाने के लिए परिश्रम कर रहे हैं। एक तरफ विभिन्न दलों के राजनेता अपने मतदाताओं को साधने में लगे हैं तो दूसरी तरफ मतदाता भी अपने मतों का महत्व समझ रहे हैं और आसानी से अपने पत्ते खोल नहीं रहे।
CM नायब सिंह सैनी का फोकस हरियाणा की जनता
अमूमन चुनावी माहौल में राजनेताओं के लक्ष्य पर केवल मतों का आकर्षण होता है लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विचारों के केंद्र में केवल हरियाणा की जनता ही है। हरियाणा की राजनीति अमूमन मुख्यमंत्रियों का जिक्र होता है, तो एक छवि उभरती है - हाई सिक्योरिटी की सुरक्षा के अधीन, आम जनता की पहुंच से दूर एक आलीशान महल में रहने वाले एक प्रशासक की। लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस परिभाषा को पूरी तरह बदल दिया है। उनका नेतृत्व जनता से जुड़ा हुआ और जनसुलभ है, जो हरियाणा की राजनीति में एक नया अध्याय लिख रहा है।
सीएम हाउस में जनता दरबार और चाय पर चर्चा
हरियाणा में पहले के मुख्यमंत्रियों के लिए सीएम आवास एक निजी जगह होती थी। लेकिन नायब सिंह सैनी ने इसे "जनता दरबार" में तब्दील कर दिया है। यहां हर कोई अपनी समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख सकता है। मुख्यमंत्री सैनी का मानना है कि सीएम आवास जनता का स्थान है, ना कि किसी शासक का निजी महल। यह जन-सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सत्ता को और अधिक जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री सैनी का जनता से जुड़ाव सिर्फ उनके दफ्तर या आवास तक सीमित नहीं है। वे अक्सर चाय की दुकानों पर जाकर लोगों से मिलते हैं, उनके साथ चाय पीते हैं और उनकी समस्याओं और सुझावों को सुनते हैं। यह साधारण सा दिखने वाला कदम दरअसल सरकार और जनता के बीच की दूरी को कम करता है और दर्शाता है कि मुख्यमंत्री लोगों की राय और अनुभवों को कितना महत्व देते हैं।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के लिए मासिक पेंशन शुरू
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने अंतर-जिला परिषद (Inter-District Council) का गठन किया और ई-टेंडरिंग की सीमा ₹21 लाख तक बढ़ा दी, जिससे स्थानीय नेताओं को विकास परियोजनाओं को अधिक सुगमता से शुरू करने में मदद मिल रही है। उन्होंने पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के लिए मासिक पेंशन भी शुरू की है, जिससे सामाजिक सुरक्षा में सुधार हुआ है।
जन हितैषी नीति, ओबीसी के उत्थान पर बल
मुख्यमंत्री सैनी ने कई जन-हितैषी नीतियों की शुरुआत की है। जिसमें ₹500 में गैस सिलेंडर, 100 गज का प्लॉट, अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण, सभी फसलों पर एमएसपी और मुफ्त यात्रा के लिए हैप्पी कार्ड शामिल है। ये सभी योजनाएं हरियाणा के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।
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ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने ओबीसी के क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा को ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹8 लाख कर दिया है। इसके अलावा, बैकलॉग पोस्ट्स को भरने के लिए एक विशेष भर्ती अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है, जिससे ओबीसी वर्ग को सरकारी सेवाओं में अधिक अवसर मिल सकेंगे।
हरियाणा में सकारात्मक बदलाव का संकेत
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का नेतृत्व सुलभता, सहानुभूति और प्रभावी शासन का संगम प्रतीत होता है। उनकी सकारात्मक छवि ने हरियाणा की राजनीति में एक नई उम्मीद जगाई है और राज्य के विकास के लिए एक आदर्श स्थापित किया है। जहां प्रदेश में अनेक ऐसे विषय हैं जिन पर निरंतर काम करने की जरूरत अभी भी है किंतु सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में सकारात्मक बदलाव का संकेत तो मिलता है। बहरहाल राज्य में चुनाव आसन्ना है और मतदाता हर कसौटी पर हर राजनेता को कसना चाहेंगे और यह आवश्यक भी है।