Rajnath Singh Tribute OP Chautala: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि देने हरियाणा के सिरसा के तेजा खेड़ा फार्म हाउस में पहुंचे। यहां उन्होंने ओम प्रकाश चौटाला को पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने उनके परिवार से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि ओपी चौटाला एक बड़े बाप के बेटे थे लेकिन फिर भी उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी हरियाणा की जनता और किसानों की सेवा की है। 

'मैं उनकी बेबाकी और निर्भीकता से प्रभावित रहा'

राजनाथ सिंह ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला उस रास्ते पर चले, जिस पर सर छोटू राम, चौधरी देवीलाल और चौधरी चरण सिंह चले। मैं उनकी बेबाकी और निर्भीकता से प्रभावित रहा। उन्होंने पूरी जिंदगी गैर कांग्रेसवाद का झंडा थामे रखा। उनके साथ मेरा गहरा नाता था। उनके चले जाने से मुझे उनकी व्यक्तिगत कमी खलेगी। जो इस दुनिया में आया है, उसे कभी न कभी तो दुनिया छोड़कर जाना ही है। 

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20 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन

बता दें कि 20 दिसंबर को गुरुग्राम के अस्पताल में 89 साल की उम्र में ओपी चौटाला ने अंतिम सांस ली। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनके शव को सिरसा में तेजा खेड़ा फार्म हाउस में रखा गया। राजकीय सम्मान के साथ 21 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके बेटे अभय-अजय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके चारों पोतों (दुष्यंत, दिग्विजय, कर्ण और अर्जुन) ने अंतिम रस्में भी निभाईं। 

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श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे लोग

उनके अंतिम संस्कार के समय काफी नेता शामिल हुए थे। अंतिम संस्कार के बाद भी काफी लोग तेजा खेड़ा में ओपी चौटाला की मौत का शोक जताने पहुंच रहे हैं। रविवार के दिन केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख शोक जताने पहुंचे। 

जल्द प्रकाशित होंगी दो किताबें

बता दें कि ओपी चौटाला ने अपनी जिंदगी के लम्हों को डायरियों में लिखा है, जिसमें उन्होंने राजनीतिक सफर से लेकर अपने उतार-चढ़ाव के दिनों के बारे में भी लिखा है। अब इस डायरी में लिखे सफर के आधार पर दो पुस्तकें आएंगी। उनकी 2 पुस्तकें आत्मकथा और विदेश यात्रा लगभग लिखी हुई हैं, जिन्हें जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। 

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