कुरुक्षेत्र/शाहाबाद। भाजपा नेता संदीप गर्ग के घर ईडी की जांच आज दूसरे दिन भी जारी रही। शुक्रवार को छापेमारी के दूसरे दिन ईडी ने बैंक से नोट गिरने की दो मशीन मंगवाई। जिससे संदीप गर्ग के घर पर भारी मात्रा में नोट मिलने की आशंका जताई जा रही है। छापेमारी के दौरान घर के बाहर पुलिस तैनात रही। वीरवार को चंडीगढ़ से सीनियर अस्सिटेंड सरोज खिलान के नेतृत्व में ईडी की टीम संदीप गर्ग के घर पहुंची थी तथा ईडी के बुलाने पर शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे नोट गिनने की दो मशीनों व दोपहर को एक मशीन के साथ बैंक कर्मियों ने घर में प्रवेश किया। जिससे ईडी की छापेमारी को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ गई तथा छापेमारी को दो हजार करोड़ के जीएसटी घोटाले से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
सुबह सात बजे शुरू हो गई थी हलचल
मोहल्लावासियों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी की छापेमारी के दूसरे दिन संदीप के घर पर सुबह करीब सात बजे हलचल शुरू हो गई थी। सुबह करीब साढ़े 11 बजे बैंक कर्मचारी दो मशीनों के साथ घर पहुंचे। दोपहर करीब तीन बजे ईडी के बुलावे पर एक और बैंक कर्मी नोट गिनने की मशीन लेकर घर में घुसे। जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं ईडी को छापेमारी के दौरान कारोबारी के घर भारी मात्रा में नोट बरामद हुए है।
कारोबारी की मौजूदगी पर भी सस्पेंस
ईडी की छापेमारी के दौरान कारोबारी एवं नए नवेले भाजपा नेता संदीप गर्ग घर पर मौजूद हैं या नहीं इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। वीरवार सुबह ईडी के पहुंचने के बाद रात तक कारोबारी व उनके परिवार के घर पर ही मौजूद होने की सूचनाएं आ रही थी, परंतु शुक्रवार सुबह इसके उलट चर्चाएं सामने आई तथा कारोबारी के वीरवार सुबह ही परिवार के साथ घर से निकल जाने की बाते सामने आई। ईडी की कार्रवाई शुरू होने के बाद से उनसे कोई संपर्क भी नहीं हो पाया रहा है।
108 से अधिक शेल कंपनी और दो हजार करोड़ का जीएसटी घोटाला
सूत्रों का कहना है कि कारोबारी की 100 से अधिक शेल कंपनियां हैं तथा दो हजार करोड़ के जीएसटी घोटाले से उनके तार जुड़े हैं। कारोबारी ने सेल कंपनियों का सहारा लेकर सरकार को जीएसटी का करोड़ो का चूना लगया है। इस चर्चाओं में कितनी सच्चाई है और किस मामले में ईडी ने रेड की है तथा छापेमारी के दौरान घर से क्या क्या मिला है यह तो जांच पूरी होने व ईडी की अधिकारी स्टेट्मेंट आने के बाद ही पता चल पाएगा।
सालों से खिला रहे पांच रुपये में खाना
कारोबारी संदीप गर्ग ने करीब पांच साल पहले लाडवा से गरीबों को पांच रुपये में भरपेट खाना खिलाने के लिए रसोई शुरू की थी। जिनकी संख्या में समय के साथ इजाफा होता रहा तथा अब लाडवा के अलावा मथाना, रादौर, बाबैन और यारा में भी रसोई चलाई जा रही हैं। जहां प्रतिदिन सैकेड़ों की संख्या में गरीब पांच रुपये में भरपेट खाना खाते हैं।