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ई-टिकटिंग मशीनों में किराये को राउंड फिगर में किया गया था लेकिन बुजुर्गों व 12 साल से छोटे बच्चे जिनकी आधी टिकट लगती है, उनका किराया मशीन प्रति किलोमीटर एक रुपये के हिसाब से ही निकाल रही है।

Jind News : राउंड फिगर में किराया न होने से रोडवेज परिचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 20 दिन पहले परिवहन विभाग द्वारा ई-टिकटिंग मशीनों में किराये को राउंड फिगर में किया गया था लेकिन बुजुर्गों व 12 साल से छोटे बच्चे जिनकी आधी टिकट लगती है, उनका किराया मशीन प्रति किलोमीटर एक रुपये के हिसाब से ही निकाल रही है। इसके अलावा ई-टिकटिंग मशीनों में ई-वॉलेट व डेबिट कार्ड से भुगतान का विकल्प जरूर दिया गया है लेकिन कार्ड से भुगतान की सुविधा अभी तक शुरू नहीं हुई है। ऐसे में परिचालकों व यात्रियों को खुले रुपये को लेकर दिक्कत आती है।

गौरतलब है कि रोडवेज बसों में 60 साल से अधिक बुजुर्गों व 12 साल से छोटे बच्चों की आधी टिकट लगती है लेकिन ई-टिकटिंग मशीनों में रियायती दर पर सफर करने वाली इन दोनो कैटेगरी के यात्रियों का किराया राउंड फिगर में नहीं निकल रहा है। इसके चलते बुजुर्गों व छोटे बच्चों के साथ-साथ परिचालकों को भी खुले रुपए को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जिन यात्रियों की पूरी टिकट लगती हैए उन यात्रियों का किराया ई टिकटिंग मशीन राउंड फिगर में निकाल रही है। जींद डिपो में 197 बस ऑनरूट हैं, जिसमें हर रोज 16 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। इसमें से 20 से 25 प्रतिशत यात्री बुजुर्ग व बच्चों के साथ छोटे बच्चे सफर करते हैं। ऐसे में यात्रियों का कहना है कि ई-टिकटिंग मशीनों में जल्द से जल्द डेबिट कार्ड से भुगतान शुरू होना चाहिए ताकि मशीनों में दी गई आधुनिक सुविधाओं का लाभ यात्रियों को मिल सके। हालाकिं परिचालकों का कहना है कि ई-टिकटिंग मशीन में आउट ऑफ स्टेट जैसे दिल्ली, उत्तराखंड व पंजाब जैसे रूट पर भी किराया राउंड फिगर में होना चाहिए। वहीं अधिकारियों का कहना है कि दूसरे राज्य में प्रति किलोमीटर के हिसाब से जो किराया दूसरे राज्यों की सरकार ने निर्धारित कर रखा है, उसी हिसाब से किराया टिकट में जुड़ता है। वहीं पंजाब, दिल्ली व यूपी से हरियाणा में आने वाली बसों में भी प्रदेश में निर्धारित प्रति किलोमीटर की दर के हिसाब से किराया लगता है। जबकि हरियाणा में ई-टिकटिंग मशीनों में किराया राउंड फिगर में हो चुका है।

जींद डिपो के ट्रैफिक मैनेजर वीरेंद्र पाल ने बताया कि दूसरे राज्यों से जो बस हरियाणा में आती हैं, वह बस भी हरियाणा में निर्धारित प्रति किलोमीटर के हिसाब से यात्रियों से किराया लेती हैं। जबकि हरियाणा में ई-टिकटिंग मशीनों में किराया राउंड फिगर में हो चुका है। परिवहन विभाग द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए ई-टिकटिंग मशीनों में किराया राउंड फिगर में कर दिया है। दूसरे राज्यों में उनकी सरकार द्वारा जो किराया किया जाता है, उसमें उसी हिसाब से यात्रियों को भुगतान करना होता है।

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