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हरियाणा के हांसी में एक छात्र के साथ बीएएमएस आयुर्वेद की जाली डिग्री देकर 11 लाख 80 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई। आरोपितों ने छात्र से रुपए लेकर उसका आयुष विभाग पंचकूला में भी फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

Hansi: हांसी में एक छात्र के साथ बीएएमएस आयुर्वेद की जाली डिग्री देकर 11 लाख 80 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई। आरोपितों ने छात्र से रुपए लेकर उसका आयुष विभाग पंचकूला में भी फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया। छात्र द्वारा जब पंचकूला में करवाएं गए रजिस्ट्रेशन को लेकर जांच पड़ताल की तो मामले का खुलासा हुआ। शहर थाना पुलिस ने न्यू काठ मंडी निवासी राजेश की शिकायत पर एक महिला सहित तीन नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी। पुलिस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है।

बीएएमएस आयुर्वेद का करना चाहता था कोर्स

पुलिस को दी शिकायत में न्यू काठ मंडी निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उसने साइंस विषय से बारहवीं पास की है। वह बीएएमएस आयुर्वेद का कोर्स करना चाहता था। इस विषय में जानकारी लेने के लिए शहर के निजी अस्पताल में लैब संचालक ईश्वर बडाला से जानकारी लेनी चाही तो ईश्वर बडाला ने कहा कि वह उसे घर बैठे ही बीएएमएस आयुर्वेद करवा देगा। क्योंकि शहर में बीएएमएस करवाने वाले केशव धमीजा व उसकी पत्नी उषा धमीजा से उसकी जान-पहचान है और वो दोनों इस प्रकार का कार्य करवाते हैं। केशव धमीजा व उसकी पत्नी उषा पहले भी कई बच्चों को एमबीबीएस और बीएएमएस में दाखिला दिलवाकर डिग्रियां दिलवा चुकी हैं। आरोपियों ने कहा कि उसका दाखिला बीएएमएस आयुर्वेद कोर्स में करवा देंगे और कोर्स पूरा होने के बाद कहीं भी प्रैक्टिस आरंभ कर सकता हैं।

पूरे कोर्स के लिए 10 लाख की तय हुई बात

राजेश ने बताया कि केशव धमीजा व उसकी पत्नी उषा धमीजा द्वारा उसका दाखिला छत्रपति शाहू विश्वविद्यालय कानपुर (उत्तरप्रदेश) में करवाने तथा पूरे कोर्स के लिए 10 लाख रुपए में बात तय हो गई। जब उसने कहा कि उसके घर वाले उसको इतनी दूर पढ़ने के लिए भेजने को राजी नहीं होंगे तो आरोपियों ने कहा कि आपको वहां पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम आपके सारे पेपर हांसी में ही करवा देंगे। लेकिन विश्वविद्यालय में रेग्यूलर हाजिरी लगवाने के लिए आपको कुछ रुपए अलग से देने पड़ेंगे। केशव ने कहा कि बीएएमएस आयुर्वेद के कोर्स में दाखिला करवाने के लिए 4 लाख 30 हजार रुपए पहले देने होंगे। इसके बाद हर सेमेस्टर के साथ ढाई लाख रुपए देने होंगे। उसने अपने घर व रिश्तेदारों से 4 लाख 30 हजार रुपए इकट्ठे करके ईश्वर बडाला को दे दिए।

हर सेमेस्टर के बाद दी डीएमसी और लिए रुपए

राजेश ने बताया कि तीनों आरोपियों ने उसे बताया कि उसका दाखिला उत्तर प्रदेश की छत्रपति शाहू जी विश्वविद्यालय कानपुर में हो गया है। जब एडमिशन की रसीद मांगी तो आरोपियों ने अपने लैपटॉप पर यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर मेरा ऑनलाइन एडमिशन होना दिखा दिया। इसके बाद 15 अप्रैल 2016 को इन्होंने प्रथम सेमेस्टर की डीएमसी की कॉपी लाकर दे दी। दूसरे सेमेस्टर के लिए 2.50 लाख रुपए फीस की मांग की। उसने ईश्वर बडाला के माध्यम से दूसरे सेमेस्टर की फीस के 2.50 लाख रुपए दे दिए।  नवंबर 2017 में इन्होंने दूसरे सेमेस्टर की डीएमसी लाकर दे दी। इसी प्रकार वर्ष 2018 में तीसरे सेमेस्टर की 2.50 लाख रुपए फीस मेरे से ले ली और अक्टूबर 2018 में डीएससी लाकर दे दी। ऐसा ही 2019 में भी किया गया।

दवाखाना खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा दिया

राजेश कुमार ने बताया कि डिग्री देने के बाद आरोपियों ने कहा कि डिग्री के बाद हरियाणा में प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना भी आवश्यक है। यदि आप अपना रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं, हम आपकी इस डिग्री को उड़ीसा से रजिस्टर्ड करवा देंगे। उसके बाद डिग्री को असली बनाने के लिए मेरा रजिस्ट्रेशन हरियाणा आयुष विभाग पंचकूला में भी करवा दिया और मुझे हरियाणा का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लाकर दे दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप अपना दवाखाना खोलकर अपनी प्रैक्टिस आरम्भ कर सकते हैं।

पता करने पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट निकला जाली

राजेश कुमार ने बताया कि जब आयुष विभाग पंचकूला में जाकर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के बारे में पता किया तो यह फर्जी निकला। जिस पर शक हुआ कि कहीं इन्होंने बीएएमएस की डिग्री भी तो फर्जी नहीं दे दी है। इसके बाद छत्रपति शाहूजी विश्वविद्यालय कानपुर जाकर पता किया तो उसे वहां उसकी डीएमसी व इनके द्वारा दी गई डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला। तीनों ने मिलीभगत करके उससे 11 लाख 80 हजार रुपए की धोखाधड़ी करके उससे रुपए हड़प लिए और उसको फर्जी मार्कशीट व डिग्री लाकर दे दी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

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