Haryana Assembly: हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की और सीएम पद के लिए नायब सिंह सैनी ने अपनी दावेदारी पक्की कर ली है। इसके साथ ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के लिए बीते दिन दिल्ली में पार्टी के आलाकमान के बीच मीटिंग हुई, जिसके बाद भाजपा ने नए चेहरों की घोषणा कर दी है। करनाल के हरविंदर कल्याण हरियाणा विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे, जो तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वहीं, जींद से तीन बार के विधायक कृष्ण मिड्ढा को डिप्टी स्पीकर की नई भूमिका मिल सकती है।

आज से शुरू हुई 15वीं विधानसभा का विशेष सत्र 

हरियाणा की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। 15वीं विधानसभा का विशेष सत्र आज यानी शुक्रवार से शुरू हो गई है। इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। बीजेपी ने विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नाम का ऐलान कर दिया है, अब थोड़ी देर में दोनों शपथ लेने वाले हैं। 

शपथ ग्रहण के साथ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की चुनावी प्रक्रिया

प्रोटेम स्पीकर के तौर पर कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह कादियान सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित 90 विधायकों को शपथ दिला रहे हैं। इसके बाद, विधानसभा अध्यक्ष के लिए हरविंदर कल्याण का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। अगर इस प्रस्ताव को विधायकों का समर्थन मिलता है, तो कार्यवाहक अध्यक्ष उन्हें निर्वाचित घोषित करेंगे। साथ ही डिप्टी स्पीकर का भी चुनाव इसी प्रक्रिया के तहत होगी।

पार्टी में क्या है हरविंदर कल्याण की अहमियत

हरविंदर कल्याण लगातार 2014, 2019 और 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर घरौंदा से विधायक चुने गए हैं। भाजपा की टिकट पर रोर समुदाय से चुने गए हरविंदर कल्याण मजबूत प्रत्याशी हैं, इनका नाम मंत्री पद के लिए भी लिया जा रहा था। हालांकि, भाजपा की आलाकमान ने उन्हें स्पीकर के तौर पर चुनने का फैसला लिया है, जो करनाल को विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने के एक अहम फैसले के तौर पर भी देखा जा रहा है। क्योंकि इससे पहले, करनाल जिले को मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

कृष्ण लाल मिड्ढा भाजपा के लिए क्यों हैं इतने खास

पंजाबी-खत्री समुदाय को विधानसभा में शानदार प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए कृष्ण मिड्ढा को डिप्टी स्पीकर बनाने का मंशा साफ दिखाई देता है, क्योंकि पंजाबी-खत्री समुदाय से आठ भाजपा विधायक आते हैं। वहीं, जींद के शहरी इलाकों में भाजपा की पकड़ को मजबूत करने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि कृष्ण मिड्ढा के पिता, हरि चंद मिड्ढा, जींद से भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के विधायक थें। पिता के निधन के बाद कृष्ण मिड्ढा ने 2019 में भाजपा में शामिल होकर जींद से उपचुनाव लड़े, जिसमें उन्हें कमाल की सफलता भी मिली।