हरियाणा में 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नायब सैनी ने मंगलवार को ठीक एक सप्ताह बाद अपने मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार किया। मंत्रिमंडल में एक कैबिनेट व सात राज्यमंत्रियों को जगह मिली। 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह के साथ पांच मंत्रियों ने शपथ ली थी तथा अब मंत्रिमंडल में 6 कैबिनेट व सात राज्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है। शाम करीब पांच बजे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार ने नए मंत्रियों को सचिवालय में कमरे भी अलाट कर दिए। हरियाणा में गब्बर के नाम से मशहूर पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कमरा नंबर 31 मंगलवार को राज्यमंत्री की शपथ लेने वाले सीमा तिरखा को अलाट हुआ। यानी अब गब्बर के कमरे में सीमा तिरखा बैठेंगी। उसके ठीक सामने राज्यमंत्री कमलेश डांढा का कमरा राज्यमंत्री डॉ. अभय सिंह यादव को मिला है। फिलहाल मंत्रियों के कमरे के बाहर नेम प्लेट चस्पा की जा की जा रही है तथा विभागों का बंटवारा होने के बाद विभाग के साथ नेम प्लेट लगाई जाएंगी। अपने नाम की नेम प्लेट लगते ही बिशंभर वाल्मीकि ने सबसे पहले अपना कमरा संभाल लिया।

कमरे मिले, विभागों का इंतजार

सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही भले ही सभी मंत्रियों को सचिवालय में कमरे अलाट कर दिए हो, परंतु मंत्रियों में अभी विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों का भी एक सप्ताह बाद भी विभाग मिलने का इंतजार खत्म नहीं हो पाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक दो दिन में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा।

नायब ने बदल दिए मनोहर के आधे मंत्रियों के चेहरे 

मुख्यमंत्री ने अपने साथ मनोहर सरकार में शामिल रहे पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। जिससे कयास लगाए जा रहे थे मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मनोहर सरकार के अधिकतर मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। मंगलवार को शपथ ग्रहण के समय आठ में से सात नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर नायब सैनी ने सभी को चौका दिया। खास बात यह रही कि अनिल विज जैसे कद्दावर नेता को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। नायब सैनी के मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल आठ मंत्रियों में केवल डॉ. कमल गुप्ता पुराना चेहरा थे। जबकि महिपाल ढांडा, सीमा तिरखा, संजय सिंह, डॉ. अभय सिंह यादव, बिशंभर वाल्मीकि, आसीम गोयल व सुभाष सुधा शामिल हैं। मुख्यमंत्री के साथ कंवर पाल गुजर, जेपी दलाल, मूलचंद शर्मा, रणजीत चौटाला व डॉ. बनवारी लाल ने शपथ ली थी।