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हरियाणा में तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट के बाद ठंड अपने चरम पर पहुंचने लगी है। बुधवार का दिन इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा।

Haryana: तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट के बाद ठंड अपने चरम पर पहुंचने लगी है। बुधवार का दिन इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। आसमान में बादल छाने के बाद सूर्य के दर्शन नहीं होने से ठंड ने लोगों की कंपकंपी छुड़ाए रखी, जिससे सामान्य जनजीवन पर काफी असर पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार तीन से चार दिन तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसके बाद बरसात या बूंदाबांदी होने की संभावना है।

दिन रात के तापमान में आई गिरावट से छुटी कंपकपी

बुधवार को इस सीजन में पहली बार अधिकतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 10.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। न्यूनतम तापमान में इतनी ही कमी दर्ज की गई। यह 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों तापमान के बीच अंतर के कारण कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। गत वर्ष की तुलना में इस दिन तापमान काफी कम दर्ज किया गया है। गत वर्ष तीन जनवरी को अधिकतम तापमान 16 और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। कड़ाके की ठंड के बीच राहत की बात यह रही कि कोहरे का असर काफी कम देखने को मिला। इससे सड़क यातायात पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। 9 जनवरी को आसमान में घने बादलों के साथ बरसात या बूंदाबांदी होने की संभावना जताई जा रही है।

रबी फसलों को अभी ठंड से नुकसान नहीं 

रबी सीजन की प्रमुख सरसों और गेहूं की फसल को ठंड से कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस समय तापमान दोनों फसलों के अनुकूल बना हुआ है। कृषि विभाग के एसडीओ दीपक यादव ने बताया कि गेहूं व सरसों की फसलों को इस मौसम से कोई नुकसान की आशंका नहीं है। आसमान में बादल छाने से पाला जमने की संभावना भी नजर नहीं आ रही । पाला जमने पर सरसों की अगेती फसल को नुकसान की आशंका रहेगी। उन्होंने किसानों को अपनी फसलों की हल्की सिंचाई करने की सलाह दी, ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके।

पावर सब स्टेशनों पर बढ़ा बिजली लोड 

ठंड बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत में वृद्धि होना शुरू हो गया है। अभी तक बिजली की खपत 115 लाख यूनिट के आसपास चल रही थी, परंतु बुधवार को ठंड बढ़ने के साथ ही पावर सब स्टेशनों पर बिजली का लोड बढ़ गया। लोड में 10 से 25 एम्पीयर तक वृद्धि दर्ज की गई। आपूर्ति मांग के अनुसार रहने के कारण अभी तक पावर कटों से राहत मिली थी। ठंड बढ़ने के बाद बिजली की मांग 130 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद पीक आवर्स में पावर कट भी बढ़ने शुरू हो जाएंगे।

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