Stilt Plus 4 floors: हरियाणा में स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। नगर एवं ग्राम नियोजन विकास मंत्री जेपी दलाल ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश सरकार ने राव कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है। हालांकि, सरकार की ओर से कुछ नियम और शर्तों को भी इसमें शामिल किया गया है।
दरअसल, हरियाणा सरकार ने 16 महीने के प्रतिबंध के बाद आवासीय क्षेत्रों में स्टिल्ट-प्लस-चार मंजिल निर्माण की अनुमति देने का फैसला किया है। वित्त मंत्री जेपी दलाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि सेक्टरों में जो पहले से अवैध तरीके से 4 मंजिला भवन बनाए गए हैं। उन्हें गिराया नहीं जाएगा। स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कालोनियों, सेक्टरों और आवासीय भूखंडों में ही दी जाएगी। जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लॉट चार आवासीय मकानों के साथ अप्रूव हुआ है।
स्टिल्ट प्लस चार मंजिल बनाने के लिए ये होंगे नए नियम
-नये नियमों की मानें, तो जिन भवनों में 1.8 मीटर का साइड सेटबैक नहीं छोड़ा होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा।
- इसके अलावा भवन के आसपास रहने वाले लोगों की मंजूरी भी लेना जरूरी होगा, यदि वह परमिशन नहीं देंगे तो ऐसे भवनों को भी अवैध माना जाएगा।
-250 वर्ग मीटर से ज्यादा माप वाले भूखंडों के लिए पीडीआर की दरें नियम से बढ़ाई जाएंगी।
-नए भवनों का निर्माण वही किया जाएगा प्लॉट 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ा है।
-वहीं जहां ऐसे निर्माण बिना मंजूरी के किए गए हैं, उन्हें निर्धारित दर से 10 गुना जुर्माना देना पड़ सकता है।
-स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनियों में भी दी जाएगी। यदि प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के लिए सेवा योजना में हो।
क्या होता है स्टिल्ट प्लस 4 फ्लोर
दरअसल, वह इमारत जिसमें स्टिल्ट फ्लोर होता है, वो जमीन से ऊपर उठा होता है। उस फ्लोर के ऊपर चार और फ्लोर का निर्माण किया जाता है। इसमें भवन पांच फ्लोर की हो जाती है। स्टिल्ट फ्लोर का इस्तेमाल आमतौर पर पार्किंग या स्टोरेज के लिए किया जा सकता है। वहीं इस फ्लोर के ऊपर की चार मंजिलों का इस्तेमाल रिहायशी या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। जमीन महंगी होने की वजह से स्टिल्ट प्लस 4 फ्लोर का चलन काफी बढ़ गया है।