Haryana Nikay Chunav Result: हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए 2 मार्च को वोटिंग करवाई गई, जिसमें 50 फीसदी से भी कम लोगों ने मतदान किया। चुनाव में कम मतदान होने के कई बड़े कारण रहे हैं, जिनमें ईवीएम की खराबी से लेकर फर्जी वोटिंग को लेकर हंगामा होना शामिल है। प्रदेश के कई जिलों में वोटिंग के दौरान ईवीएम मशीन खराब हो गई, जिसके चलते वोटरों को लाइन में खड़े होकर घंटों तक इंतजार करना पड़ा था। इसके अलावा कई जगहों पर लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल न होने को लेकर भी हंगामा देखने को मिला, जिससे वोटिंग प्रक्रिया बाधित हुई। बता दें कि 9 नगर निगमों समेत कुल 40 निकायों में वोटिंग को गई है।
फरीदाबाद में बूथ के अंदर की फोटो वायरल
हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान बूथ के अंदर मोबाइल ले जाने पर रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद भी राहुल चौधरी नाम का युवक मोबाइल लेकर मतदान केन्द्र में घुस गया। वोट डालते समय उसने फोटो खींच लिया और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल दी। इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने कार्रवाई करने की बात कही है। इस मामले को चुनाव नोडल अधिकारी सतबीर सिंह मान ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि मतदान केंद्र पर मोबाइल ले जाना नियमों का उल्लंघन है। इसकी जांच की जाएगी और नियम उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।
इन जिलों में वोटर लिस्ट को लेकर हंगामा
प्रदेश के कई जिलों में वोटर लिस्ट को लेकर हंगामा हुआ। करनाल से कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार मनोज वधवा की पत्नी आशा वधवा ने वोटर लिस्ट को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित वोटरों को मतदान करने से रोका गया। वोटर लिस्ट से कई जगहों पर मतदाताओं के नाम ही काट दिए गए हैं। बता दें कि इस मामले में उन्होंने जिला सचिवालय पहुंचकर एडीसी और निर्वाचन अधिकारी यश जालुका से शिकायत भी की है। इसके अलावा गुरुग्राम में कई बूथों पर वोटर लिस्ट में नाम न होने पर बवाल हुआ। कई लोगों मतदाताओं ने आरोप लगाए कि विधानसभा चुनावों में उन्होंने वोट डाला था, लेकिन निकाय चुनाव के समय वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब कर दिया गया है।
6 जिलों में ईवीएम खराब
निकाय चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान रोहतक, गुरुग्राम समेत कुल 6 जिलों में ईवीएम मशीन खराब हो गई। रोहतक के वार्ड नंबर-16 में मशीन खराब होने पर दूसरी मशीन लाई गई, लेकिन वह भी खराब निकली और वहां पर तीसरी मशीन उपलब्ध नहीं था। इसकी वजह से मतदान में काफी देरी हुई। इसके अलावा गुरुग्राम, नूंह, फतेहाबाद, झज्जर और हिसार में भी ईवीएम मशीन खराब हुई। हिसार के अर्बन एस्टेट में बनाए गए बूथ नंबर-145 में शाम को 4 बजे ईवीएम खराब होने के चलते करीब ढाई घंटे तक मतदान रुका रहा, जिसके बाद बहुत से लोग बिना वोट डाले ही अपने घर लौट गए।
फर्जी वोटिंग को लेकर युवक-युवती गिरफ्तार
झज्जर जिले के बेरी में फर्जी वोटिंग का मामला सामने आया। बेरी के वार्ड नंबर-6 में एक युवक को बोगस वोटिंग करते हुए पाया गया, जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद वार्ड में सुरक्षा बढ़ा दी गई। लेकिन शाम को वार्ड नंबर-14 में एक युवक और युवती को बोगस वोट डालते हुए पकड़ा गया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया। इतना ही नहीं कई जिलों में ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं, जहां पर कई लोगों ने चोरी-चुपके गलत तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति का वोट डाल गए।
इसको लेकर कई लोगों ने शिकायत भी की। बता दें सिरसा के ओमप्रकाश गोयल ने कहा कि जब वह वोट डालने के आए तो अधिकारियों ने बताया कि उसका वोट पहले ही डल चुका है। वहीं, हिसार के सेक्टर 16-17 बोगस वोटिंग को लेकर बवाल हो गया। वहां पर कई लोग फर्जी वोटिंग करने के लिए आए थे, जिन्हें लोगों ने पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे दीवार फांदकर बूथ से भाग गए।
रोहतक में 2 गुटों में मारपीट
रोहतक में नगर निगम चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान 2 गुटों में झड़प हो गई थी। इसमें कांग्रेस उम्मीदवार परीक्षित के भाई प्रशांत घायल हो गए। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार राजेश बलियाना के भाई पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। बता दें कि परीक्षित वार्ड नंबर-11 से चुनाव लड़ रहे हैं।
गुरुग्राम में शराबी ने किया बवाल
गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम में वोटिंग के दौरान एक शराबी ने जमकर हंगामा किया। बता दें कि गुरुग्राम के सराय अलरवादी में एक शराबी बूथ के अंदर घुस गया। उसने पहले अपना वोट डाला, लेकिन उसके बाद दोबारा वोट डालने के लिए हंगामा करने लगा। ऐसे में पुलिस ने जबरन उस शराबी को बूथ से बाहर निकाला।
सभी को 12 मार्च का इंतजार
हरियाणा में सभी राजनीतिक दलों को अब 12 मार्च का इंतजार है, क्योंकि उसी दिन निकाय चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। बता दें कि पानीपत निकाय चुनाव के लिए 9 मार्च को वोटिंग होने वाली है। हालांकि सभी निकायों के नतीजे एक साथ ही आएंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का दावा किया है। इसके लिए बीजेपी के कई बड़े वरिष्ठ नेता और मंत्री चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे थे। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्रचार में बड़े नेताओं ने कोई रुचि नहीं दिखाई थी, जिसका परिणाम 12 मार्च को देखने को मिल जाएगा।
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