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हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस में आस्था जता दी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। जानिये इस स्थिति से निपटने के लिए बीजेपी ने क्या रणनीति बनाई है।

हरियाणा में कांग्रेस को तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के बाद सीएम नायब सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसे में कांग्रेस मांग कर रही है कि नायब सैनी को नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। यही नहीं, करीब चार साल तक सरकार चलाने में मदद करने वाली जननायक जनता पार्टी भी नायब सैनी को कमजोर बताकर तंज कस रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि नायब सैनी ने खुद को कमजोर माना है, इसलिए वे सरकार का नेतृत्व करने के लायक नहीं हैं। विपक्ष की इन प्रतिक्रियाओं के चलते बीजेपी ने भी तीखा पलटवार किया है।

नायब सैनी बोले- कांग्रेस की इच्छाएं पूरी नहीं होगी

सीएम नायब सैनी ने सिरसा में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पहले लोकसभा चुनाव में भी लोगों ने देखा कि कांग्रेस को जब अपनी सरकार खतरे में लगती थी, तो वो लोगों की इच्छाएं पूरी करते हुए घूमते थे, लेकिन जनता अब कांग्रेस की इच्छाएं पूरी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। वे भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं कि सरकार अल्पमत में है, लेकिन सरकार को किसी तरह की दिक्कत नहीं है।

मनोहर लाल ने खुली चुनौती दी

पूर्व सीएम मनोहर लाल भी तो कांग्रेस को ही खुली चुनौती दे दी। करनाल में पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस को खुद को संभालकर रखना चाहिए। जिस दिन हिसाब खुल जाएगा, उस दिन समझ आ जाएगा कि हमारे संपर्क कितने हैं। यही नहीं, उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। कहा कि अगर अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तो कांग्रेस को ही नुकसान होगा। बाकी दलों में कितने लोग हमारे साथ खड़े होंगे, उन्हें ये पता नहीं है, लेकिन हमें पता है। 

अनिल विज ने कहा- हमारे तरकश में कई तीर

पूर्व मंत्री अनिल विज तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने से दुखी हैं। उन्होंने कहा कि हुड्डा साहब की ख्वाहिश कभी पूरी नहीं होगी। हमारे तरकश में कई तीर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी ट्रिपल इंजर सरकार है। तीन इंजन सरकार की देखभाल कर रहे हैं। नायब सैनी, मनोहर लाल और नरेंद्र मोदी पल-पल की जानकारी रखते हैं और इलाज करना भी जानते हैं।

अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता विपक्ष 

बता दें कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव छह माह बाद ही लाया जा सकता है। हरियाणा में कांग्रेस ने 22 फरवरी 2024 को अविश्वास प्रस्ताव रखा था। उस वक्त मनोहर लाल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उस समय निर्दलीय विधायकों के साथ ही जेजेपी का समर्थन भी बीजेपी के पास था। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं, लेकिन संवैधानिक तौर पर चार महीने तक सरकार के गिरने की संभावना नहीं है। उधर, बीजेपी नेता भी दावा कर चुके हैं कि कई दलों में भी कुछ विधायक बीजेपी के समर्थन में हैं, लिहाजा राजनीतिक तौर से भी सरकार के गिरने की संभावना न के बराबर दिखाई देती है। 

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