Haryana Pollution: हरियाणा में इन दिनों पराली को लेकर सियासत गर्म है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी पराली को लेकर एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पराली का इस्तेमाल के बारे बताते हुए हरियाणा सरकार के फैसले को ललकारा था। बता दें कि हरियाणा में पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र और कैथल जिले से पराली जलने की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं। इस कड़ी में आज हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव प्रदीप कुमार का बयान सामने आया है।
इस साल पराली को लेकर तैयारियां
मीडिया से बात करते हुए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि साल 2021 में हरियाणा राज्य में पराली जलाने के 7000 मामले सामने आए थे, जो 2023 में घटकर 2300 रह गए हैं। प्रदीप कुमार ने बताया कि साल 2024 में इस बार भी पराली को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं, प्रदूषण की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में इस साल नोडल अधिकारी और हरियाणा सरकार की पराली की समस्या पर पूरी निगरानी रखी जा रही है।
किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित- प्रदीप कुमार
प्रदीप कुमार का कहना है कि किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि मामले घट सकें। प्रदीप कुमार ने बताया कि,कुछ जिलों में जैसे अंबाला, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में फसल कटाई जल्दी होती है,यहां पर 80 प्रतिशत हार्वेस्टिंग हो चुकी है। दूसरी तरफ कुछ जिलों जैसे- सिरसा, पंजाब, फतेहाबाद और हिसार यहां पर हार्वेस्टिंग देर से होती है। प्रदीप कुमार का कहना है, प्रोत्साहन राशि देकर यह कोशिश की जा रही है कि किसान पराली न जलाए।
दिल्ली में बढ़ रहा वायु प्रदूषण
हरियाणा भले ही दावा कर रहा है कि पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही हैं, लेकिन दिल्ली में वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक दिल्ली में आज सुबह 8 बजे AQI लेवल 318 पार कर गया है। दिल्ली के साथ ही एनसीआर की हवा भी प्रदूषित हो रही है। ऐसे में दिल्ली एनसीआर में GRAP-2 लागू किया गया है। यहां पढ़िये विस्तृत खबर...