Haryana Roadways Bus: हरियाणा सरकार बीएस- 3 बसों को हटाने की तैयारी कर रही है। परिवहन विभाग साल के अंत तक इन सभी बसों को दिल्ली जाने वाले रूट से हटा देगा। वहीं, वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से आने वाली प्रदूषित ईंधन पर चलने वाली बसों को 31 मार्च 2025 तक स्वच्छ ईंधन में बदलाव करने की चेतावनी दी है। हरियाणा में बीएस 3 की लगभग एक हजार बसें हैं और इनमें से 500 बसें एनसीआर डिपो में चलती हैं। कहा जा रहा है कि परिवहन विभाग इन सभी बसों को धीरे-धीरे कंडम कर देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
बताया जा रहा है कि अक्टूबर आखिरी सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। इस प्रदूषण के चलते लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और प्रदूषण फैलाने में डीजल बसों का भी अहम रोल है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वायु गुणवत्ता आयोग ने ऐसी बसों पर रोक लगाना शुरू कर दिया है, जिससे प्रदूषण फैलता है। आने वाले समय में दिल्ली में सिर्फ उन्हीं बसों के आने की इजाजत होगी, जो स्वच्छ ईंधन से चलेगी। इनमें सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस छह की बसें शामिल होंगी।
हरियाणा सरकार का लक्ष्य
ऐसे में आयोग ने हरियाणा समेत अन्य राज्यों को डीजल बसों हटाने की चेतावनी दे रखी है। हरियाणा सरकार ने भी इसके लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है।परिवहन विभाग के अनुसार, हरियाणा की डिपो से दिल्ली जाने वाली सभी बसें बीएस-छह मानक वाली होंगी। इन बसों को खरीदने की प्रक्रिया भी जारी है। हरियाणा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 तक बीएस-छह मानकों वाली 650 बसों को खरीदने का लक्ष्य बनाया हुआ है।
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150 नई एसी बसें होंगी शामिल
बताया जा रहा है कि जैसे-जैसे बीएस-छह आती जाएंगी, बीएस-3 बसों को हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। हरियाणा में बीएस-3 की कुल 1030 बसें हैं। वहीं, बीएस-4 जो बसें एनसीआर के डिपो में तैनात हैं, उन्हें दूसरी डिपो में स्थानांतरित कर दी जाएंगी। हरियाणा के बेड़े कुल 4227 बसें शामिल हैं। इनमें 3203 प्लेन बसें, छह वोल्वो, 12 मर्सिडीज, 153 एचवीएसी, तीन सीएनजी 10 सेमी लो फ्लोर बसें और 278 मिनी बसें शामिल हैं। हरियाणा सरकार के बेड़े में जल्द ही 150 नई एसी बसें आने वाली हैं। इनकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।