Rothak, टीम हरिभूमि : केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक चालकों की हड़ताल के दूसरे दिन हरियाणा में भी असर दिखने लगा है। प्रदेश में जिला मुख्यालयों से लेकर प्रदेश की राजधानी तक पेट्रोप पंपों पर गहराते तेल संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अफसरों की समीक्षा बैठक बुला ली, ताकि हड़ताल से उत्पन्न स्थितियों से बेहतर ढंग से निपटा जा सके। पंपों पर वाहनों की लंबी कतारों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने दुपहिया वाहन के लिए 200 व चार पहिया वाहनों के लिए 500 रुपये की सीमा निर्धारित कर दी, ताकि हड़ताल के चलते तेल की जमाखोरी व कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके। इसके बावजूद चंडीगढ़ व पंचकूला में तो शाम को कई पेट्रोल पंपों पर डीजल पेट्रोल खत्म के नोटिस चस्पा कर दिए गए। हड़ताल लंबी चली तो आने वाले समय में पेट्रोल व डीजल ही नहीं खाद्य पद्धार्थों के साथ साथ फल व सब्जियों का संकट भी गहरा सकता है।
रोडवेज कर्मी दो घंटे बसों का पहियां रोककर करेंगे प्रदर्शन
रोडवेज कर्मचारियों की मंगलवार देर शाम हुई बैठक में हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक चालकों की हड़ताल के समर्थन में बुधवार को दो घंटें बसों का पहियां रोककर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। इससे पहले रोडवेज कर्मचारियों ने बुधवार को दो घंटे प्रदर्शन करने की घोषणा की थी।
कई राजनीतिक दलों का भी मिला समर्थन
किसान संगठन व आम आदमी पार्टी सोमवार को पहले दिन से ही हिट एंड रन कानूनों के खिलाफ हड़ताल कर रहे ट्रक चालकों के साथ खड़े नजर आ रहे थे। मंगलवार को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने ट्रक चालकों की हड़ताल का सीधे समर्थन तो नहीं किया, परंतु ट्रक चालकों की सहमति के बिना बिल पास करने पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए हड़ताल के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा सहित कई बड़े नेता इस कतार में खड़े नजर आए।