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हरियाणा के नारनौंद में राखीगढ़ी के टीले एक पर खुदाई के दौरान 3 कंकाल मिले। वहीं, टीले की एक साइट को पर्यटकों के लिए खुला रखा है जिसके चारों तरफ बाउंड्री वाल बनाई गई है। पुरातत्व विभाग की टीम टीले की खुदाई के दौरान मिले अवशेषों की जांच कर रही है।

Narnaund: पूरी दुनिया में हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर सबसे बड़ी साइट राखीगढ़ी के टीले एक पर इन दिनों खुदाई चल रही है। खुदाई के दौरान तीन कंकाल मिले हैं। साथ ही बहुत बड़ा डिश ऑन स्टेंड (खाने की टेबल) भी मिली है। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है कि टीले एक पर भी खुदाई के बाद इस साइट को पुरातत्व विभाग खुला रखने के प्लान पर कार्य कर रहा है ताकि देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को निराश होकर ना लौटना पड़े। हालांकि टीले नंबर तीन पर पर्यटकों के लिए साइट को खुला रखा गया है।

टीले की एक साइट पर चारों तरफ बनाई पगडंडी

राखीगढ़ी के टीले एक पर चल रही खुदाई के दौरान एक साइट पर पूरी तरह साफ सफाई करवा दी गई है। टीले एक पर साइट के चारों तरफ पगडंडी बनाकर सोलर लाइट भी लगाई है। कुछ हिस्से पर पार्क बनाने की योजना है। बैठने के लिए कुर्सियां भी रखी जा रही हैं। टीले एक पर खुदाई के दौरान तीन कंकाल मिलें हैं, जिनमें एक महिला, एक पुरुष और एक बच्चे का कंकाल हैं। देखा जा रहा है कि यह कंकाल कितने वर्ष पुराने है। टीले नंबर सात पर भी भारी संख्या में कंकाल मिले थे। उन्हीं कंकालों के डीएनए से इस बात पर मोहर लगी थी कि यह कंकाल साढ़े चार हजार वर्ष पुराने हैं।

टीले पर मिल चुकी भारी मात्रा में भट्ठी

राखीगढ़ी का टीला एक प्राचीन समय का बड़ा व्यापार केंद्र होता था। इस टीले पर अलग-अलग पत्थर मिल चुके हैं और भारी मात्रा में भट्ठी पाई गई हैं। यह भट्ठियां कच्चे सामान को पकाने के लिए प्रयोग में लाई जाती थी। महिलाएं श्रृंगार करने के लिए मनकों की मालाओं का प्रयोग करती थी। इस टीले पर कार्नीलियन, जैसपैर, अगेट, इंस्ट्रेटाइट, पेस्टबीड, टेराकोटा बीड भारी मात्रा में मिल चुके हैं। खुदाई के दौरान टीलें पर बड़े डिश ऑन स्टेंड के अवशेष भी मिले हैं। इससे साबित होता है कि वह लोग एक साथ बैठकर टेबल पर खाना खाते थे। उस समय टेबल लकड़ी की ना होकर मिट्टी से बनाई जाती थी फिर उसको पकाया जाता था। सुंदरता के लिए उस पर चित्रकारी भी की जाती थी।

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