सूरज सहारण, कैथल: पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। जिस तरह से ओमप्रकाश चौटाला एक दिन में दो-दो जिले नापते हुए कार्यकर्ताओं में जोश भरते रहे हैं, उसी तर्ज पर पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा से भी दो कदम आगे बढ़ते हुए चार-चार जिलों में कार्यकर्ता बैठकें व शेड्यूल तैयार कर चुनावी अभियान का बिगुल बजा दिया है। इनसो के 22वें स्थापना दिवस पर डबवाली में 5 अगस्त को होने वाली रैली आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं व युवाओं में नया जोश भरने का काम करेगी। इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात व चंडीगढ़ से छात्र संगठन से हजारों की संख्या में युवा भाग लेंगे। युवा इस महसपर्व में आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे।
विधानसभा चुनावों में जजपा पेश करेगी अन्य दलों को चुनौती
सरकार में 10 विधायकों के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री बने दुष्यंत चौटाला अपने राजनीतिक करियर में चार चांद लगा रहे हैं। चौधरी देवीलाल की राजनीति विरासत अब उनके पड़पोतों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के हाथों में है। विधानसभा चुनाव में जेजेपी तमाम दलों के लिए चुनौती पेश करेगा। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी को 10 सीट मिली थी। इनमें उचाना से दुष्यंत चौटाला, शाहबाद से रामकरण काला, गुहला से ईश्वर सिंह, जुलाना से अरमजीत ढांडा, नारनौंद से रामकुमार गौतम, टोहाना से देवेंद्र बबली, उकलाना से अनूप धानक, बरवाला से जोगी राम सिहाग, बाढ़डा से नैना चौटाला विधायक बने थे। इस चुनाव में जननायक जनता पार्टी प्रदेश के करीब 19 लाख मत हासिल करने में कामयाब रही थी।
पूरे देश में बज रहा है इनसो का डंका
चुनावी मैदान में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय पूरे दमखम के साथ पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं। आज के दौर में इनसो जो जजपा का प्रमुख हिस्सा है, युवाओं की जो ताकत है, वह हरियाणा में ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में इनसो का डंका बजा हुआ है। उन्होंने हाल में राजस्थान, पंजाब और दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी जीत का परचम लहराकर इनसो को मजबूती देने का काम किया। दिग्विजय चौटाला दिन रात एक कर पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को मजबूत करने में जुटे हैं।
राम लक्ष्मण की तर्ज पर दो भाइयों की जोड़ी बनी चर्चा का विषय
गौरतलब है कि राजनीति में अकसर एक ही परिवार के सदस्य एक दूसरे को पछाड़ने, नीचा दिखाने का काम करते रहे हैं लेकिन देवीलाल परिवार के दो पड़पौत्र दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला की जोड़ी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा नाममात्र ही देखने को मिला है कि जब एक भाई अपने दूसरे भाई को राजनीति का सितारा बनाने में जुटा हो। दिग्विजय चौटाला अपने भाई दुष्यंत चौटाला को राजनीति का सिरमौर बनाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के सिंहासन पर बैठाने के लिए दिन रात युवा साथियों के साथ मेहनत करने में जुटे हैं।