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हरियाणा के हांसी में अनाथ आश्रम में पिछले कई सालों से रह रहे 67 वर्षीय नरेश की मौत होने के बाद भी उसके कलयुगी बेटों ने शव लेने से इनकार कर दिया। यहां तक उसे मुखाग्नि देने भी नहीं आए।

Hansi: आमतौर पर किसी भी गलत कार्य को देखकर लोग कलयुग की निशानी बताते हैं, लेकिन मंगलवार को हांसी में भी ऐसा वाक्या हुआ जिसे देखकर लोग कलयुग की संज्ञा देने लगे। दरअसल बरवाला रोड स्थित अनाथ आश्रम में पिछले कई सालों से रह रहे 67 वर्षीय नरेश की सोमवार देर शाम को मौत हो गई। नरेश का सोमवार शाम को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया, जहां पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम करवाकर जब उसके पुत्र व परिजनों को सौंपने का प्रयास किया तो उन्होंने शव लेने से स्पष्ट इंकार कर दिया। पुलिस ने मृतक का शव अनाथ आश्रम के कर्मचारियों को सौंपा और उन्हीं कर्मचारियों ने वृद्ध का अंतिम संस्कार किया।

नामी परिवार से था मृतक नरेश 

मृतक नरेश हांसी के ही हुड्डा सेक्टर का रहने वाला था, जहां वह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था। किसी बात पर अनबन हो जाने के कारण उसे घर वालों से अलग होकर अनाथ आश्रम में रहना पड़ा। वहीं अनाथ आश्रम के संचालक दलबीर चहल ने जब उनके बेटों को इस बारे में जानकारी दी कि उनके पिता की मौत हो चुकी है तो उन्होंने शव को लेने से साफ इनकार कर दिया।

कलयुगी बेटों ने पिता को नहीं दी मुखाग्नि 

सिसाय पुल चौकी में कार्यरत एएसआई महेंद्र ने बताया कि जब उन्होंने मृतक नरेश के पुत्रों से फोन पर बात की और उन्हें यह जानकारी दी कि नरेश अब इस दुनिया में नहीं है तो उनके बेटों ने कहा कि हमारा उससे कोई वास्ता नहीं है। इसके दाह संस्कार की जिम्मेवारी भी हमारी नहीं है। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के बाद शिव शक्ति अनाथ आश्रम के संचालक को सौंप दिया। पिता को मुखाग्नि देने के लिए भी बेटे नहीं आए।

नरेश को गुर्दों में पानी भरने की थी समस्या

आश्रम संचालक दलवीर चहल ने बताया कि नरेश के गुर्दों में पानी भरने की समस्या थी जिसका काफी लंबे समय से इलाज भी चल रहा था। मगर बीमारी की जानकारी मिलने के बाद भी उसके परिजनों ने उसकी सुध नहीं ली। मंगलवार को नरेश की मौत के बाद परिजनों द्वारा शव को लेने व अंतिम संस्कार किए जाने से मना करने के बाद सारा दिन चर्चा का विषय बना रहा और खुलेआम कहते नजर आए कि शायद इसी का नाम कलयुग है।

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