Leopard in Panipat: पानीपत में यमुना नदी के पास स्थित भैंसवाल गांव के पास आज रविवार दोपहर को तीसरे दिन फिर से आदमखोर तेंदुआ दिखाई दिया। कहा जा रहा है कि इस तेंदुए को वन विभाग और पुलिस की टीमें तीन दिनों से तलाश कर रही है। जंगल में ड्रोन की सहायता से उसे लगातार तलाश करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन फिर भी वह ड्रोन की मदद से उसे ढूढ़ नहीं पाए।

बताया जा गया कि इससे पहले तेंदुए ने एक चार साल की बच्ची को अपना शिकार बना चुका है। स्थानीय लोगों ने लगभग 20 मीटर दूरी से अपने मोबाइल के कैमरों में  तेंदुए को कैद किया। इसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गई और ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ ड्रेन सीवरेज में घुसा गया है।

मौके पर पहुंचे वन विभाग और पुलिस

सूचना मिलते ही दूसरी ओर तलाश कर रही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद उसकी तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंची और सुरक्षा के तौर पर पूरे इलाके को खाली करवा दिया गया था। 

ड्रेन सीवरेज में घुसा तेंदुआ

ग्रामीणों ने वन्य जीव विभाग को बताया कि तेंदुआ ड्रेन नंबर 2 की सीवरेज के भीतर घुसा है। जिसके चलते टीम ने ड्रेन को दोनों ओर से बंद कर दिया। टीम ने एक और प्लास्टिक के ड्रम लगाकर बंद किया। इसी तरफ से कई उपकरणों की मदद से दबाव डाला गया, ताकि तेंदुआ किसी तरह जाल वाली साइड पहुंचे और वह उसमें पकड़ा जाए।

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वन विभाग को मिली सफलता 

यमुना से सटे गांवों में तेंदुआ देखे जाने के चलते दहशत का माहौल बना गया था। वन विभाग की 6 टीमें यमुना नदी से सटे गांव नवादा-पत्थरगढ़ और हरियाणा सीमा से लगते यूपी यमुना खादर क्षेत्र के जंगलों में ड्रोन उड़ाकर और कॉम्बिंग कर तेंदुए की तलाश करने में जुट गई थी। यह तेंदुआ गांव नवादा, पत्थरगढ़ और तामशाबाद में भी देखा गया है।

रोहतक से आई वन विभाग की टीम को जब तेंदुए नजर आया तो टीम ने ट्रेंकुलाइज गन का इस्तेमाल किया और तेंदुए के बेहोश होने का इंतजार किया। इसके बाद तेंदुए पर जाल डालते हुए आदमखोर तेंदुए को शिकंजे में ले लिया गया। इसके बाद टीम तेंदुए को पकड़कर ले गई और आदमखोर का इलाके से आतंक का खात्मा हो गया।