Logo
हरियाणा में 27 दिसांबर को हुई डॉक्टरों की हड़ताल को नाजायज बता चुके स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सोमवार को एसीएस के साथ हुई डॉक्टरों की बैठक में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद एसीएस ने हड़ताली डॉक्टरों को इसी सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक करवाने का भरोसा दिया। एसीएस के साथ हुई बैठक में सीधे सीएमओ की नियुक्ति नहीं करने सहित चार प्रमुख मांगों पर सहमति बनी।

Chandigarh। हड़ताली डॉक्टरों व स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की सोमवार शाम को सेक्टर-17 स्थित नए सचिवालय में बैठक हुई। 27 दिसंबर को हुई डॉक्टरों की हड़ताल को नाजायज करार दे चुके स्वास्थ्य मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए, परंतु एसीएस व हड़ताली डॉक्टरों के बीच सीधे सीएमओ की नियुक्ति नहीं करने, बॉड राशि एक करोड़ से घटाकर 50 लाख रुपये करने, विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग कैडर बनाने सहित चार प्रमुख मांगों पर सहमति बनी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री की गैरमौजूदगी पर एसीएस ने हड़ताली डॉक्टरों को अगले एक दो दिन में स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक करवाने का भरोसा दिया। जिसके बाद बैठक में शामिल हुए डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने भी स्वास्थ्य मंत्री पर भरोसा जताते हुए बैठक को सकारात्मक करार दिया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 27 दिसंबर को ओपीडी व 28 को ओपीडी के साथ एमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाओं के बहिष्कार का ऐलान किया था। 28 दिसंबर की देर शाम एचसीएमएस ने हड़ताल को वापस ले लिया था।

विज ने यह कहा था

27  दिसंबर को डॉक्टरों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा था कि सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलग कैडर को मंजूरी दे दी है। उन्होंने डॉक्टरों की हड़ताल को नाजायज करार देते हुए कहा था कि डॉक्टरों मानव कल्याण की भावना से प्रेरित होते हैं तथा अधिकतर डॉक्टर काम कर रहे हैं।

यह हैं मुख्य मांगें 

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज ने 27 दिसंबर को हड़ताल करने से पहले कई दिनों तक काले बिल्ले लगाकर अपनी मांगों को लेकर विरोध जताया था। इसके बाद एसोसिएशन ने 27 दिसंबर को हड़ताल कर ओपीडी का बहिष्कार किया था। जिसे अनिल विज ने नाजायज कहा था। एसोसिएशन ने 28 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करते हुए ओपीडी के साथ एमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाओं के बहिष्कार का भी ऐलान किया था। सरकार से बातचीत का रास्ता साफ होने के बाद एसोसिएशन ने 28 की देर शाम हड़ताल को वापस ले लिया था। एचसीएमएस ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर बनाने, सीएमओ की सीधी भर्ती नहीं करने, बॉड राशि एक करोड़ से घटाकर 50 लाख करने सहित कई मांगें रखी थी।

सीएमओ की नहीं होगी सीधी भर्ती

स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा ने कहा कि विभाग ने सीएमओ की सीधी भर्ती के मामले पर विराम लगा दिया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलग कैडर पर सुझाव लिए जाएंगे। जिसमें संगठन के पदाधिकारियों व यूपी की पॉलिसी का अध्ययन पर भी चर्चा हुई। अगली बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग भी शामिल होंगे। ताकि तकनीकी समस्याओं का समाधान हो सके।

यह रहे मौजूद 

यह हुए बैठक में शामिल सोमवार को सेक्टर 17 स्थित नए सचिवालय में हुई बैठक में  एसोसिएशन के प्रधान डा. राजेश ख्यालिया, महासचिव डा. अनिल यादव रेवाडी,  उप प्रधान वीरेंद्र ढांडा, डा. दीपक गोयल खजांची शामिल हुए। जबकि विभाग की तरफ से एसीएस डी अनुपमा, स्वास्थ्य महानिदेशक रणबीर पूनिया, डीजी द्वितीय जेएस पूनिया शामिल हुए।

5379487