रोहतक। विज्ञान पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक (PGIMS Rohtak) में नैक की टीम ने निरीक्षण शुरू कर दिया है। अलग-अलग राज्यों से आए पांच सदस्यों की टीम ने पहले दिन प्रेजेंटेशन ली। यूनिवर्सिटी और पीजीआई के बारे में पूरी जानकारी अपनी फाइल में रख ली है। पीजीआई की असली परीक्षा बुधवार को होगी, क्योंकि ओपीडी और सभी वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया जाएगा। यही नहीं संस्थान से सेवानिवृत्त हो चुके डॉक्टर्स से भी बातचीत की जाएगी।

टीम पास आउट छात्रों से तो जानकारी लेगी ही साथ में उनके माता-पिता से भी जानकारी ली जाएगी कि वे संस्थान की पढ़ाई और व्यवस्था से कितने संतुष्ट रहे अनुभव कैसा रहा। बता दें कि यूनिवर्सिटी ए ग्रेड है और नैक की टीम ने 2016 में निरीक्षण किया था। पांच साल बाद नैक की टीम को विजिट करना होता है, लेकिन कोविड के कारण बीच में यह विजिट स्थगित हो गई थी। अब 21 से 23 नवंबर तक विजिट किया जा रही है। टीम के चेयरपर्सन डॉ. विवेक साओजी, वीसी भारती विद्वापीठ डीम्ड यूनविर्सिटी पूने, डॉ. गीता परवंदा, डीन, पन्ना धाई मां सुभार्ती नर्सिंग कॉलेज मेरठ, डॉ. अक्का महादेवी पी, प्रोफेसर डॉ. मूपनेन्स मेडिकल कॉलेज, मैसुरू, डॉ. रुकमणी कंडासेमी, डायरेक्टर, तिरुचिरापल्ली, डा. रघुनंधराओ, प्रोफेसर, केआईएमएस, आईकोन अस्पताल, विशाखापट्टनम टीम में शामिल हैं।

नैक की टीम पीजीआईएमएस की हर सुविधा का बारीकी से मुआयना करेगी। टीम का फोकस ओपीडी और वार्ड में मरीजों को मिल रही सुविधाओं पर तो रहेगा ही, इसके साथ ही पढ़ाई किस तरह करवाई जा रही है इस पर भी विशेष फोकस रहेगा। टीम यह भी देखेगी कि यूनिवर्सिटी का कोलेब्रेशन किस-किस के साथ है, कितने बच्चों ने अच्छा प्रफोमेंश किया है। टीम द्वारा छात्रों से भी बातचीत की जाएगी।

टीम ग्रेड देने से पहले यह भी देखेगी कि कितनी ग्रांट मिलती है और कितने रिसर्च हुए हैं। कितने अवार्ड मिले हैं, हॉस्टल की सुविधाएं, जिम, स्पोर्ट्स ग्राउंड का भी मुआयना करेगी। इसके अलावा किस तरह की आधुनिक मशीनें हैं और संस्थान कितना डिजिटल है। इसके अलावा सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी एक्टिवेट है या नहीं ओर कितना काम किया है, इसके बारे में भी जानकारी ली जाएगी।

रुटीन से हटकर काम दिखाओ

बता दें कि मंगलवार सुबह 9 बजे ही टीम कुलपति कार्यालय पहुंच गई थी। यहां रजिस्ट्रार ऑफिस, परीखा शाखा सहित सभी विभागों की प्रेजेंटेययान ली गई। यह प्रेजेंटेशन करीब 2 बजे तक चली। इसके बाद टीम 2.30 से 4 बजे तक डायरेक्टर ऑफिस में सभी विभागों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। यहां सभी से विभागों की खासियत जानी गई। डॉक्टर प्रेजेंटेशन देने लगे तो टीम ने कहा कि रुटीन वर्क नहीं, ऐसी खासियत बताओं कि जिसके कारण आपका विभाग जाना जाए। यानी रुटीन से हटकर किस तरह का विशेष काम या इलाज किया हो तो उसकी प्रेजेंटेशन दी जाए। टीम ने कई विभागों की तारीफ भी की है।

रिसर्च के पांच करोड़ खर्च करो

ओपीडी में हर रोज मरीजों की 7 हजार सुनकर टीम हैरान रह गई। टीम ने सुझाव दिया कि इतनी बड़ी संख्या में हर रोज मरीज आ रहे हैं, इनका डाटा इकट्ठा करो और इन्हें रिसर्च से जोड़ो। यह रिसर्च देश और दुनिया के काम आएगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी को रिसर्च के लिए मिलने वाले 5 करोड़ रुपये रिसर्च पर खर्च किए जाएं। इससे संस्थान के साथ-साथ मरीजों को भी फायदा होगा। टीम दो हिस्सों में बंट गई है और पहले दिन दोनों टीम एसआईएमएच, हॉस्टल, लाइब्रेरी, रेजिडेंस एरिया आदि में निरीक्षण किया।