Illegal colonies news: हरियाणा की नायब सैनी सरकार 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले नगर निकायों की सीमा में बसी सभी छोटी व बड़ी कॉलोनियों को वैध घोषित कर शहर के लोगों को बड़ा तोहफा दे सकती है। विभाग ने शहरी निकाय मंत्री की अगुवाई में अवैध कालोनियों को वैध करने सहित जनहित से जुड़े सभी प्रस्तावों पर अपनी मोहर लगा दी है तथा जल्द ही इन्हें अलमीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। एनडीसी के नियमों में सरलीकरण से शहर की पुरानी सीमा में बसी सभी कॉलोनियों को कानूनी वैधता मिल जाएगी। जिससे प्रॉपर्टी होल्डरों को एनडीसी लेने में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रस्ताव पास
मुख्यमंत्री ने शहरी निकाय मंत्री द्वारा तैयार किए गए अवैध कालोनियों को वैध करने व जनहित से जुड़े अन्य प्रस्तावों पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी है। अवैध कॉलोनिया वैध होने के बाद शहर की सीमा में बसा कोई भी व्यक्ति एनडीसी प्राप्त कर तहसील में अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवा सकता है। तहसीलदारों के कंप्यूटर में अगले एक सप्ताह के बाद पुरानी सीमा का खसरा नंबर फीड कर दिया जाएगा। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए निकाय विभाग के अफसर और स्टाफ काम में लगा है। अब शहरों में सिर्फ 7 ए के तहत आने वाली निकायों की पुरानी सीमा के बाहर की अवैध कालोनियों में ही एनडीसी. का झंझट रहेगा।
2021 में काटी गई कॉलोनियां भी शामिल
शहरी निकाय विभाग ने निकायों की पुरानी सीमा के अंदर की सभी अवैध कालोनियों को वैध कर दिया है। यानी पुरानी सीमा में अब रजिस्ट्री कराने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं रहेगी। इनमें 2021 में शहरी आबादी में काटी गई कालोनियां भी शामिल हैं। विभाग की ओर से इससे पहले एचएसवीपी. सेक्टर के साथ लगती एरिया और लाल डोरा क्षेत्र में रजिस्ट्री शुरू हो गई है। पुराने शहर में डेवलपमेंट चार्ज माफ किया जा चुका और पुराने हाउस टैक्स में 15 फीसदी की माफी की गई है।
विभाग के पास 2500 कॉलोनियों को वैध करने का डाटा
निकाय विभाग के पास प्रदेश के अलग-अलग शहरों से करीब 2500 कॉलोनियों को नियमित कॉलोनियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए विभाग के पास डाटा आया है। अभी तक 741 कॉलोनियों को नियमित करने के लिए चयनित कर लिया है। अन्य कालोनियों के लिए विभागीय प्रक्रिया को गति के साथ पूरा करने निर्देश दिए। दरअसल यह सभी कालोनियां निकायों की सीमा से बाहर की हैं और इन पर 7ए के तहत नगर एवं आयोजना विभाग की सहमति जरूरी होती है। कालोनियों को नियमित करने के लिए प्रक्रिया का पालन करने के साथ ही लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी हैं।