Narnaul: सतनाली स्टेशन पर बीकानेर-दिल्ली इंटरसिटी एवं दिल्ली-जयपुर सैनिक एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने से यात्री परेशान हो रहे हैं। सतनाली स्टेशन पर इन गाड़़ियों के ठहराव के लिए क्षेत्रवासी लंबे समय से मांग कर रहे हैं और सांसद चौ. धर्मबीर सिंह भी अनेक पत्र लिख चुके है, लेकिन ठहराव नहीं दिया जा रहा। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सतनाली से करीब 80 गांवों के लोग करते हैं यात्रा 

सतनाली रेलवे स्टेशन से हरियाणा व राजस्थान के सैनिक बाहुल्य 80 गांवों के यात्री यात्रा करते हैं। सतनाली स्टेशन पर भारी संख्या में यात्रियों का आवागमन है और उल्लेखनीय यात्रीआय व यात्रीभार है। बीकानेर इंटरसिटी का ठहराव सुनिश्चित करवाने की मांग काफी पुरानी है और इसके लिए दो बाद शांतिपूर्वक धरना भी ग्रामीण दे चुके हैं। इस गाड़ी के सतनाली ठहराव को व्यापक यात्री हित बीकानेर मंडल की ओर से भी वाणिज्यिक रूप से औचित्यपूर्ण ठहराया जा चुका है, लेकिन ठहराव नहीं दिया जा रहा।

रेलवे ने सैनिक एक्सप्रेस का लॉकडाउन के बाद से हो रहा ठहराव लिया वापस 

रेलवे की ओर से दिल्ली सरायरोहिल्ला-जयपुर सैनिक एक्सप्रेस का लॉकडाउन के बाद से हो रहा ठहराव वापिस ले लिया गया है, जबकि दिल्ली से लोहारू तक सतनाली से कम यात्री भारी/आय वाले अन्य सभी ठहराव यथावत रखे गए हैं। सतनाली से दिल्ली व जयपुर सतनाली आने-जाने के लिए यही एकमात्र सीधी गाड़ी है। बीकानेर इंटरसिटी व सैनिक एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने से परेशान क्षेत्र के लोगों में भारी रोष है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द इन गाड़ियों के सतनाली ठहराव की मांग की।

दिल्ली-जैसलमेर-दिल्ली रूणिचा एक्सप्रेस में बढ़ाए डिब्बे

रेलवे की ओर से अतिरिक्त यात्री यातायात को देखते हुए यात्रियों की सुविधा हेतु दिल्ली-जैसलमेर-दिल्ली रूणिचा एक्सप्रेस में दो द्वितीय शयनयान व एक थर्ड एसी डिब्बे की स्थाई तौर पर बढ़ोतरी की जाएगी। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार गाड़ी दिल्ली-जैसलमेर-दिल्ली रूणिचा एक्सप्रेस रेलसेवा में दिल्ली से 13 जनवरी व जैसलमेर से 14 जनवरी से दो द्वितीय शयनयान व एक थर्ड एसी डिब्बे की स्थाई बढ़ोतरी की जाएगी। इस बढ़ोतरी के पश्चात इस रेलसेवा में एक फर्स्ट कम सेकेंड एसी, एक सेकेंड एसी, तीन थर्ड एसी, पांच द्वितीय शयनयान, छह द्वितीय साधारण श्रेणी व दो गार्ड डिब्बों सहित कुल 18 डिब्बे होंगे।