NHM Employees Strike: हरियाणा में जहां एक तरफ डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार रात को सरकार से बातचीत के बाद खत्म कर दी गई। वहीं, एनएचएम कर्मचारियों की नियमितिकरण को लेकर हड़ताल जारी है। रोहतक में कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया।

कर्मचारियों ने सरकार के सामने रखी ये मांगे

एनएचएम प्रधान डॉ. अंकित का कहना है कि हमारी मांगे बहुत छोटी है, सरकार चाहे तो इसे तुरंत पूरा कर सकती है। उन्होंने बताया कि हमारी मांग यह है कि एनएचएम कर्मचारियों को नियमित किया जाए और सरकार सातवां वेतन आयोग लागू करें। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो हमारी ओर से बड़े स्तर पर आंदोलन के लिए कदम उठाए जाएंगे।

अस्पताल में ये सेवाएं हुईं प्रभावित

एनएचएम के तहत लगे कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पताल में लैब टेस्ट से लेकर टीकाकरण का कार्य प्रभावित रहा। इसके साथ ही एंबुलेंस की सेवाएं भी प्रभावित हुई हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एनएचएम कर्मचारियों को कहना है कि जब तक वह वेतन सहित अन्य मांगों को सरकार से पूरा नहीं करवा लेते। तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और न ही मरीजों को दी जाने वाली सेवाएं शुरू की जाएगी।

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पानीपत में डॉक्टरों ने नहीं किया गर्भवती का इलाज

वहीं, डॉक्टरों के हड़ताल के कारण शुक्रवार को पानीपत के सरकारी अस्पताल में परिजन महिला को डिलीवरी के लिए लेकर आए थे। परिजनों के अनुसार, गर्भवती महिला की हालत गंभीर थी। डॉक्टर ने महिला का इलाज न करते हुए उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। इस दौरान महिला दर्द से कराहती रही थी और महिला के परिवार वाले डॉक्टर से इलाज के लिए मिन्नतें करते रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी।कुछ देर बाद महिला ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। गर्भवती महिला कंचन के पति दिनेश कुमार ने बताया कि वो मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और फिलहाल वह पानीपत में रहते हैं।