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हरियाणा के गन्नौर निवासी निशु त्यागी ने 752वां रैंक हासिल कर परिवार का नाम रोशन किया। निशु त्यागी ने इससे पहले भी तीन बार यूपीएसई की परीक्षा दी। तीसरी बार में वह इंटरव्यू तक पहुंच गई, लेकिन फाइनल लिस्ट में नहीं पहुंच पाई। चौथी बार में उसने 752वां रैंक हासिल किया।

गन्नौर/सोनीपत: यूपीएसई द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में गांव शाहपुर की निशु त्यागी ने 752वां रैंक हासिल कर परिवार का नाम रोशन किया। निशु त्यागी ने बताया कि उसका शुरू से ही सपना यूपीएसई की परीक्षा पास कर बेहतर रैंक हासिल करने का था। इससे पहले भी तीन बार यूपीएसई की परीक्षा दी। तीसरी बार में वह इंटरव्यू तक पहुंच गई, लेकिन फाइनल लिस्ट में नहीं पहुंच पाई। चौथी बार में उसने 752वां रैंक हासिल किया। हाल में वह दिल्ली में रहकर यूपीएसई की तैयारी कर रही थी। बुधवार को वह अपने घर पर गांव शाहपुर में आएगी। निशु ने इस सफलता का श्रेय अपने दादा मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमैन लालमण त्यागी, पिता प्रवीण, माता के अलावा अपने चाचा, ताऊ व अन्य परिजनों को दिया।

शुरू से ही यूपीएसई परीक्षा पास करने का था सपना

निशु त्यागी के पिता प्रवीण त्यागी ने बताया कि निशु का दसवीं, बाहरवीं की परीक्षा पास करते ही यूपीएसई की परीक्षा पास करने का सपना था। उसके लिए बेटी निशु ने डिस्टेंस एजकेशन से स्नातक व एमए की पढ़ाई की। उसके साथ ही यूपीएसई की दिल्ली में ही रहकर कोचिंग लेकर तैयारी करती रही। निशु त्यागी ने दसवीं व बाहरवीं कक्षा की परीक्षा गन्नौर के शाश्वत चेतना स्कूल से की थी। निशु त्यागी ने 12वीं कक्षा में जिले में टॉप किया था। अब उसके सपनों को उड़ान मिल गई है।

आकाशदीप ने छूआ सफलता का आकाश, यूपीएससी में पाया 166वां रैंक

गन्नौर शास्त्री नगर के आकाशदीप ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने में कामयाबी हासिल की। आकाशदीप ने परीक्षा में 166वां रैंक हासिल किया, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल है। आकाशदीप ने पांचवे प्रयास में सफलता हासिल की। बीटेक आईआईटी मंडी हिमाचल प्रदेश से कररने के बाद आकाशदीप की भारत पेट्रोलियम में बतौर आपरेशन आफिसर के रुप में नियुक्ति हुई, लेकिन चार महीने के बाद स्वेच्छा से नौकरी छोड़ दी और संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी में लग गया। मेहनत रंग लेकर आई और पूरे भारत में 166वां रैंक प्राप्त किया। आकाशदीप की सफलता से शहर में भी खुशी का माहौल है।

इस तरफ पाई सफलता

आकाशदीप ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने सीखने पर ध्यान दिया। दूसरा माता-पिता का मार्गदर्शन उनके लिए महत्वपूर्ण रहा और तीसरी बात आत्म निरीक्षण की क्षमता पैदा कर खुद के साथ न्याय करने का प्रयास किया। खुद की गलतियों को स्वीकार किया और उसमें सुधार कर गलती को फिर नहीं दोहराया। आकाशदीप ने बताया कि सफलता मिलने के बाद दिमाग से तनाव का दबाव कम हो गया और रिलेक्स हुआ है।

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