Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का समय खत्म हो चुका है। प्रदेश में कल यानी 5 अक्टूबर शनिवार को वोटिंग है। ऐसे में चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आज यानी शुक्रवार से ही सीमा पर सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ी दी जाएगी। विधानसभा चुनावों के लिए 11 अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है। ताकि चुनाव के समय किसी तरह की गड़बड़ी न हो। प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन भी अलर्ट पर है।
मतदाताओं के लिए जारी किए गए निर्देश
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 अक्टूबर शनिवार को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होगा। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को शुरू हो जाएगी। चुनाव होने में केवल आज का दिन शेष है। प्रदेश में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम कर लिए गए हैं। दूसरी तरफ मतदाताओं के लिए भी आयोग की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
मतदाताओं के लिए निर्देश दिए गए हैं, वोट के दिन अगर किसी मतदाता राजनीतिक पार्टी द्वारा पोलिंग बूथ की 200 मीटर की परिधि में पार्टी की प्रचार करेंगी तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। निर्देश का पालन न करने पर धारा 126 उपधारा (1) का उल्लंघन किया जाता है, तो उस व्यक्ति को 2 साल तक की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर दोनों कार्रवाई हो सकती है।
डोर टू डोर कैंपेन
चुनाव प्रचार का टाइम समाप्त होने की स्थिति में प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग सकते हैं। प्रत्याशियों द्वारा डोर टू डोर कैंपेन चला सकते हैं। इसके अलावा आज सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए EVM वितरण की प्रक्रिया होगी। EVM और वोटिंग की प्रक्रिया के बारे में पोलिंग पार्टियों को पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। पूरे प्रदेश में वोटिंग के लिए करीब 20,632 बूथों को तैयार किया गया है।
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ले जाने होंगे ये दस्तावेज
वोटिंग के लिए मतदाताओं को दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू/ सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दिए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत RGI द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी ID शामिल हैं। अप्रवासी भारतीय मतदाताओं (NRI) को केवल पहचान के लिए अपना मूल पासपोर्ट दिखाना होगा।