योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर इस बार जबरदस्त सियासी घमासान के आसार अभी से बन चुके हैं। अधिकांश सीटों पर आमने-सामने अर्थात सत्ताधारी पार्टी भाजपा और मुख्य विपक्ष कांग्रेस के बीच मुकाबले के आसार बने हुए हैं, उसके बावजूद कई क्षेत्रीय दल अभी ताल ठोक रहे हैं। इन दलों के दिग्गज नेता और उनके परिवार से कोई ना कोई भाग्य आजमाने मैदान में उतरने वाले हैं। सियासी पंडितों का अभी से दावा है कि इस बार निर्दलियों की संख्या भी ठीक-ठाक रहेगी।
प्रदेश में गर्माया सियासी माहौल
विधानसभा की 90 सीटों पर कांग्रेस, भाजपा, आप पार्टी के चेहरे साफ नहीं हुए हैं, उसके बावजूद सियासी माहौल गर्माया हुआ है। भाजपा और कांग्रेस सूचियों व नामों को लेकर बार -बार मंथन में जुटी हैं। इतना ही नहीं, दूसरी पार्टी का कहां पर कौन चेहरा होगा, इसकी फीडबैक लेने के साथ ही उसके सामने उतारे जाने वाले नामों पर मंथन हो रहा है। इस बार हर पार्टी जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी की बात कर रही है। हालांकि दोनों बड़ी पार्टियों की पहली सूची किसी भी वक्त जारी हो सकती है।
इनेलो व जजपा भी तैयार
क्षेत्रीय दलों में इनेलो और जजपा नेता भी उम्मीदवारों को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। कुल मिलाकर हरियाणा की दर्जनभर हॉट सीटों पर प्रदेश और देश की नजरें रहेंगी। इस क्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट पर सभी की नज़रें लगी हुई हैं, हालांकि वे फिलहाल अपने सियासी गुरु मनोहर लाल खट्टर के केंद्र में वजीर बन जाने के बाद करनाल विधानसभा से विधायक हैं। उसके बावजूद उनका नाम कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट से लिया जा रहा है। सैनी बाहुल्य सीट पर नायब सिंह सैनी की जीत सुनिश्चित बताई जा रही है।
नायब के सामने कौन होगा कांग्रेस उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी चेहरे और मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने कांग्रेस पार्टी किस चेहरे को मैदान में उतारती है, इस पर प्रदेश की नज़रें लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि इस सीट पर कांग्रेस के थिंक टैंक भी कड़े मुकाबले की तैयारी करने में जुटे हैं, ताकि सत्ताधारी भाजपा को टक्कर दी जा सके। मुकाबले को दिलचस्प बनाने के लिए राजनीतिक दिग्गज गोटिया बिछाने में लगे हैं। लाडवा सीट पर पिछली बार कांग्रेस ने भाजपा को एक बड़े अंतर से पराजित किया था। इस बार क्या होगा, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।
करनाल बनी हॉट सीट
प्रदेश में करनाल भी हॉट सीट बनी हुई है। करनाल सीट पर जहां फिलहाल उपचुनाव में नायब सैनी विधायक बने है, जिसके बाद सीधे मुख्यमंत्री बने। नायब सैनी अगर इस सीट को छोड़कर लाडवा जाते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी यहां कौन सा चेहरा मैदान में उतारने जा रही है? यह देखने वाली बात होगी। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। वैसे कांग्रेस की ओर से त्रिलोचन सिंह को पिछली बार उतारा गया था और वह मनोहर लाल खट्टर के हाथों पराजित हुए थे।
अंबाला छावनी पर कांग्रेस की नजर
तीसरी हॉट सीट अंबाला छावनी पर भी सभी की नज़रें लगी हुई है। इस सीट पर पूर्व गृहमंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अनिल विज पांच बार विजयी हो चुके हैं। देखना यह होगा कि अनिल विज के सामने कांग्रेस कौन सा चेहरा उतारती है। पिछले विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो अंबाला छावनी सीट पर अनिल विज ने कांग्रेस के प्रत्याशी को बुरी तरह से पराजित किया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्र सरावरा दोनों चेहरों में से किसी एक को छावनी और दूसरे को अंबाला शहर से उतारने की तैयारी है।
इसराना में होगा कड़ा मुकाबला
पानीपत की इसराना सुरक्षित सीट पर भी इस बार मुकाबला काफी कड़ा रहेगा। इस सीट को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं। बताया जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा इस बार किसी बाहरी व्यक्ति को भी भाग्य आजमाने के लिए उतार सकती है। यह सीट इस समय कांग्रेस के पास है। इस सीट पर कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने पिछली बार जीत हासिल की थी और एक वक्त में इनेलो में रहे व बाद में भाजपा ज्वाइन करने वाले कृष्ण लाल पंवार को पराजित किया। वहीं, गन्नौर में जाट और ब्राह्मणों की अच्छी खासी संख्या है। सीट पर भाजपा की निर्मला चौधरी विधायक हैं।
उचाना कला में भी घमासान
उचाना कला सीट भी बेहद ही हाट सीट कहलाती है। यहां जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का प्रभाव है। 2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी और चौधरी बीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रेमलता को बड़े अंतर से पराजित कर दिया था। वर्ष 2014 के मुकाबले में भाजपा की प्रेमलता ने दुष्यंत चौटाला को हराने का काम भी किया था। ऐसे में इन दोनों दिग्गजों की सियासी जंग वाली सीट पर सभी की नजरे रहेंगी। इस सीट पर कौन कौन चेहरे उतरते हैं, साथ ही मुकाबले में क्या होगा, यह भी भविष्य ही बताएगा।
सूची आने के बाद साफ होगी तस्वीर
हरियाणा में विस चुनावों में भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतरने वाले नेताओं ने अपने दावे तो कर दिए हैं। अब टिकट किसको कहां से मिलता है, किनकी टिकट कटती है, यह देखने वाली बात होगी। दूसरा यह है कि उनके मुकाबले में दूसरी पार्टी किसको उतारने जा रही है, यह भी अहम होगा। कुल मिलाकर सूची जारी होते ही सीटों की तस्वीर भी साफ हो जाएगी।