World Peace Center Inauguration Ceremony: गुरुग्राम में आज 2 मार्च रविवार को भारत के पहले विश्व शांति केंद्र का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया मौजूद रहे। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आरएसएस की मेहरबानी है। मैंने वहां जो कुछ सीखा, उसे जीने की कोशिश की है। गुलाब चंद ने यह भी कहा कि उन्हें जो संस्कार मिले हैं, उसे उन्होंने अपने जीवन में उतराने का प्रयत्न किया है।
पंजाब के गवर्नर ने सनातन धर्म पर क्या कहा ?
पंजाब गवर्नर गुलाब चंद कटारिया उद्घाटन समारोह और विराट संत सम्मेलन में सनातन धर्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 'भारत की धरती का ही कमाल है, यहां कोई न कोई मां अपने गर्भ से ऐसा बच्चा पैदा करती है, जो हमारी संस्कृति को सभी झंझटों से बचाने और उसकी रक्षा करने का काम करता है। वास्तव में पूज्य संत के चरणों में वंदन। कोई न कोई इस धरती का कमाल है कि हजारों वर्षों तक संघर्ष और बलिदान देने के बाद भी इस सनातन की बीज को गुम नहीं होने दिया और जिंदा रखा, जिसके कारण आज फिर से पेड़ खड़ा हुआ।'
मैं सेवक की तरह काम करता हूं- गुलाब चंद
गुलाब चंद ने कहा कि 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS) के प्रांत संघचालक पवन जिंदल हमारे परिवार के मुखिया हैं। मैं भी उसी परिवार में बड़ा हुआ हूं। आज अगर मैं जो कुछ हूं तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मेहरबानी की वजह से हूं। गुलाब चंद कटारिया ने आगे कहा कि 'आरएसएस में मुझे जो भी संस्कार मिले, उसे जीवन में उतारने का प्रयत्न किया। उसके कारण से आज एक महामहिम का पद मिला। वैसे मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। मैं अभी भी अपने आप को महामहिम नहीं मानता हूं। एक सेवक की तरह काम करता हूं। समाज तो सहयोग करता है। बस सहयोग लेने वाला व्यक्ति दमदार हो तो इस समाज में सब कुछ करने की क्षमता है।'
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आचार्य लोकेश मुनि ने विश्व शांति केंद्र के महत्व के बारे में बताया
कार्यक्रम में अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि भी मौजूद रहे। लोकेश मुनि ने कहा कि विश्व शांति केंद्र का उद्घाटन इसलिए किया जा रहा है, ताकि दुनिया में जब भी संघर्ष की स्थिति बने तो समय के साथ उसका समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्व शांति केंद्र में दुनिया भर के शांति दूत होंगे, जिनकी जिम्मेदारी दुनिया के किसी भी हिस्से में संघर्ष की स्थिति में शांति के लिए सेवा देना होगा।