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हरियाणा के रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे के ऊपर से गुजर रही 132केवी क्षमता की बिजली लाइन का टावर ट्रॉले की टक्कर से गिर गया, जिसके कारण हाइवे पर जाम लग गया। टावर टूटने के कारण बावल में 3 दिन ब्लैकआउट रहेगा।

Rewari: बुधवार दोपहर दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे के ऊपर से गुजर रही 132केवी क्षमता की बिजली लाइन का टावर ट्रॉले की टक्कर से गिर गया, जिससे हाईटेंशन लाइन के तार नेशनल हाइवे पर बिछ गए और हाइवे पर लंबा जाम लग गया। गनीमत रही कि लाइन ब्रेकडाउन होने के कारण करंट प्रवाहित नहीं हुआ। अगर कंरट प्रवाहित होता, तो हाइवे पर भारी जनहानि हो सकती थी। बावल इंडस्ट्रियल एरिया के सब स्टेशन से ओल्ड पावर हाउस तक जा रही इस लाइन के टूटने से पूरे बावल एरिया के ग्रामीण क्षेत्रों में दो से तीन दिन तक बिजली बाधित रहेगी। एचवीपीएन के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने टावर व लाइन को ठीक करने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया।

औद्योगिक क्षेत्र से ओल्ड पावर हाउस जा रही थी हाईटेंशन लाइन 

हरियाण विद्युत प्रसारण निगम की 132केवी क्षमता की ट्रांसमिशन लाइन औद्योगिक क्षेत्र से ओल्ड पावर हाउस जा रही है। इस लाइन के एक टावर को ट्रॉले ने टक्कर मार दी। इससे टावर जोरदार धमाके के साथ सड़क पर झुक गया। टावर गिरने से हाईटेंशन लाइन के तार नेशनल हाइवे पर गिर गए। टावर सर्विस रोड की ओर झुकने के कारण सड़क का एक हिस्सा बाधित हो गया। बाद में क्रेन की मदद से टावर को सड़क से हटाकर यातायात सुचारू किया गया। टावर व बिजली के तार गिरने से आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वहीं वाहन चालकों में हड़कंप मचा रहा। लोग अपने वाहनों को लाइन से दूर करने की जल्दी में लगे रहे। लाइन को तुरंत ब्रेकडाउन किया गया।

टावर गिरने से सड़क पर लगा लंबा जाम

बिजली का टावर सड़क पर गिरने के कारण असाही पुल के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कराते हुए वाहनों को सर्विस रोड से निकलवाना शुरू किया। जाम खुलने में काफी समय लग गया। देर शाम तक सर्विस रोड पर भी जाम जैसे हालात बने रहे। खेड़ा बॉर्डर से लेकर धारूहेड़ा तक जाम का असर देखा गया। हाईटेंशन लाइन के रोड पर गिरने के बाद बिजली गुल हो गई। अगर लाइन ट्रिप नहीं होती, तो हाइवे पर कोहराम मच सकता था। करंट प्रवाहित होने की सूरत में बड़ा हादसा हो सकता था।

50 गांव अंधेरे में रहेंगे दो से तीन दिन 

ओल्ड पावर सब स्टेशन में तीन ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इन ट्रांसफार्मर से बावल कस्बे के एक हिस्से के साथ-साथ लगभग 50 गांवों में बिजली आपूर्ति होती है। लाइन टूटने से इन गांवों में दो से तीन दिन तक अंधेरा छाया रहेगा। इस दौरान लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ेगा। निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाइन व टावर दुरुस्त करने का कार्य तेजी से शुरू किया है, परंतु इसके बावजूद बिजली आपूर्ति सुचारू होने में तीन दिन तक का समय लग सकता है।

चालक को बिजली अधिकारी ने निकाला 

हादसे के बाद पास में स्थित इंडस्ट्रियल एरिया के पावर सब स्टेशन का एक फोरमैन मौके पर पहुंचा। दिल्ली से जयपुर की ओर जा रहे ट्रॉले का चालक केबिन में फंसा हुआ था। बिजली बंद हो गई थी। फोरमैन ने तुरंत रेवाड़ी सब स्टेशन पर फोन करके बताया कि लाइन चलाने के लिए ट्राई नहीं ली जाए। उसने चालक को भी केबिन से सुरक्षित बाहर निकालते हुए समझबूझ के साथ हाइवे को चालू कराया।

लाइन चालू होने में लगेगा समय

एचवीपीएन के कार्यकारी अभियंता संजय यादव ने बताया कि टावर को नए सिरे से खड़ा करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। इंजीनियर और कर्मचारी तेजी से कार्य कर रहे हैं। बावल के ग्रामीण एरिया के लोगों को दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ेगा। जल्द से जल्द लाइन को सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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