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Rice Millers Association Ended Strike: राइस मिलर्स एसोसिएशन लगातार अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सीएम सैनी से मुलाकात के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है।

Rice Millers Association Ended Strike: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा राइस मिलर्स के सभी मुद्दों के समाधान के आश्वासन के बाद हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। अब राज्य भर की मंडियों में धान का उठान फिर से शुरू करने की घोषणा कर दी है। चंडीगढ़ में हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में नायब सिंह सैनी ने उनकी विभिन्न मांगों को सुनते हुए कहा कि एसोसिएशन की अधिकतर मांगें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और केंद्र सरकार से संबंधित हैं।

'केंद्र सरकार के सामने करेंगे अनुरोध'

सीएम सैनी ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि किसानों और व्यापारियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उनकी सभी मांगों और मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। इस पर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि राइस मिलर्स द्वारा उठान प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से शुरू किया जायेगा। मिलिंग शुल्क बढ़ाने के अनुरोध के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि मिलिंग शुल्क भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, इसलिए राज्य सरकार इसे बढ़ाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी।

'ड्रायज चार्ज बढ़ाने पर भी किया जाएगा विचार'

नायब सिंह ने आगे कहा कि यदि केन्द्र सरकार द्वारा मिलिंग शुल्क में वृद्धि नहीं की जाती है, तो राज्य सरकार मिल मालिकों को अतिरिक्त बोनस देने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि ड्रायज चार्ज को 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत करने के अनुरोध पर भी विचार किया जाएगा। हाइब्रिड धान के लिए आउट-टर्न अनुपात के संबंध में मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि आउट-टर्न अनुपात को कम करने के लिए मिल मालिकों की मांग पर विचार करने की सिफारिश के साथ इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।

8 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता हो रहा तैयार

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के प्रतिनिधियों के साथ आईआईटी खड़गपुर को एक अध्ययन का जिम्मा सौंपा गया है। अध्ययन दल द्वारा अक्टूबर/नवंबर 2024 में हरियाणा की चावल मिलों का दौरा करने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न एफसीआई गोदामों में 16 लाख मीट्रिक टन धान के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ 8 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता उपलब्ध है। इसी साल के दिसंबर महीने तक 8 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता तैयार हो जाएगा। 

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