International Women's Day 2025: महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए। महिला दिवस हर दिन मनाया जाना चाहिए। हर महिला जिंदगी भर रोजाना संघर्षों का सामना करती है, इसलिए यह दिन हर साल रोजाना मनाया जाना चाहिए। यह बात विश्व महिला दिवस से एक दिन पहले पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने एक इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि महिला अगर ठान ले तो बड़ी से बड़ी चुनौती को पार कर सकती है। हरियाणा की इस बेटी ने स्वीकारा की उनके प्रदेश में पहले बेटा और बेटी के बीच फर्क होता था, लेकिन अब सोच बदल चुकी है। आज हरियाणा में भी बेटियों को बेटों की तरह हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मुझे भी अपनी जिंदगी में संघर्षों के पड़ाव से होकर गुजरना पड़ा। मैंने कम सुविधाओं के साथ कुश्ती खेलनी शुरू की, फिर संघर्षों से गुजरते हुए बहुत कुछ हासिल किया। अब मैं एक मां हूं और रेलवे की नौकरी करते हुए अपने बच्चे को भी संभाल रही हूं। साक्षी का कहना है कि अगर महिला संकल्प ले ले तो कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकती है।
हरियाणा में होता था लड़का-लड़की में भेदभाव
साक्षी मलिक ने अपनी परवरिश पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेटे और बेटी को लेकर भी भेदभाव होता था। लेकिन, जब मैंने पदक जीता तो लोगों की मानसिकता में बदलाव आया। लोगों ने भी अपनी बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं हैं। अगर आप अनुशासित और लक्ष्य पर ध्यान देती हैं, तो आप कुछ भी हासिल कर सकती हैं।
साक्षी मलिक ने एथलीटों की चुनौतियों पर भी की बात
साक्षी मलिक ने एथलीट के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि पुरुषों की तुलना में महिला एथलीटों को ज्यादा संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ता है। पुरुष एथलीटों का करिअर लंबा, जबकि महिला एथलीटों का करिअर छोटा होता है। उन्होंने कहा कि करिअयर लंबा हो या छोटा, लेकिन यह जरूरी है कि हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर जीत हासिल करे। उन्होंने महिला एथलीटों को संदेश दिया कि किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है। हमने मैट और मैच, दोनों जगह लड़ना सीखा है। आप चाहे जिस भी क्षेत्र में हों, बस काम करते रहें।
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साक्षी मलिक ने बताया- भविष्य का क्या प्लान
साक्षी मलिक का ध्यान अपने बच्चे की परवरिश पर है, लेकिन वे खेलों से भी जुड़े रहना चाहती हैं। कुश्ती से संन्यास ले चुकी साक्षी मलिक का कहना है कि वे किसी न किसी रूप में खेलों से जुड़ी रहना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनकी बेटी की उम्र 3 साल है, लेकिन वे बच्चों को कुश्ती सिखाना चाहती हैं। इसके लिए अभी से फिटनेस हासिल कर रही हैं।