योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: नायब सैनी सरकार जहां कच्चे कर्मियों को पक्का करने पर होमवर्क करने में जुटी हुई है। वहीं कच्चे कर्मियों की नजरें भी सरकार की तरफ लगी हुई हैं। उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों के बहाने ही सही उनका पक्के होने का सपना तो पूरा होगा। राज्य की नायब सैनी सरकार राज्य कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने को लेकर अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर इन्हें नियमित करने और सामाजिक सुरक्षा देने के पहलू पर मंथन में जुटी हुई हैं। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की संभावनाएं तलाशने के लिए 9 आला अफसरों की कमेटी का गठन काफी पहले किया गया था। इसमें आठ आईएएस अधिकारी शामिल हैं। सरकार की कमेटी ने चंडीगढ़ में इस पर घंटों तक मंथन किया है।
बैठक में बनी थी पॉलिसी बनाने पर सहमति
बीती देर रात तक चली बैठक में सभी विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों के ब्योरे का अध्ययन कर ऐसी पॉलिसी बनाने पर सहमति बनी है, जिसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सके। हालांकि कोर्ट की ओर से भी इनके कल्याण के लिए नीति लाने के आदेश दिए गए थे। बताया जा रहा है कि पांच, 10, 15 और 20 साल से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों के बारे में पूरा ब्योरा एकत्रित कर इस पर एक्शन की तैयारी है। चुनाव से पहले नायब सैनी की सरकार एक तीर से कई निशाने साधने की कवायद में जुटी हुई है।
कमेटी में एक अधिकारी किए गए हैं शामिल
मुख्यमंत्री नायब सिंह के निर्देश पर हरियाणा सरकार में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से 9 वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया था। जिसमें आईएएस विजेंद्र कुमार, डी. सुरेश, विकास गुप्ता, डॉ. अमित अग्रवाल, जे गणेशन, पंकज, डॉ. आदित्य दहिया, जितेंद्र कुमार और राजेंद्र वर्मा को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। अफसरों की कमेटी को कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के तमाम विकल्पों पर जल्दी रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट को पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जा सकता है। संभावनाएं हैं कि चुनावों से पहले पहले सरकार बड़ी घोषणा की तैयारी में है। हाईकोर्ट ने भी इस दिशा पर काम करने को कहा था।
13 मार्च को मांगी गई थी विभागों से सूचि
सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों को पांच साल से ज्यादा काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों की लिस्ट मांग ली थी। आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट टु के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्योरा एकत्र किया जा चुका है। बी, सी और डी श्रेणी के पदों पर पांच, 10 साल से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। अहम बात यह है कि हरियाणा में अलग-अलग आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती की गई है। सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की घोषणा बड़े मंच से की जा सकती है। कुल मिलाकर सभी कच्चे कर्मियों की हसरत भरी नजरें नायब सैनी सरकार की ओर लगी हुई हैं।