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हरियाणा सरकार ने कानूनी राय लेने के बाद तीन प्रस्तावित बिलों को तीन जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पास करने की मंशा को टाल दिया है। सरकार अब तीनों बिलों को फरवरी में होने वाले विधानसभा सत्र में पास करेगी, ताकि बिलों को कैबिनेट की मंजूरी देकर अध्याधेस बनाने के बाद आने वाली कानूनी अड़चनों से बचा जा सके। देरी से भेजने के कारण दिसंबर में चले विधानसभा सत्र में बिल स्वीकार नहीं हो पाए थे।

Chandigarh: योगेंद्र शर्मा। चंडीगढ़। बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में तीन प्रस्तावित बिलों पर चर्चा तो होगी, परंतु बिलों को कैबिनेट की बैठक में पास नहीं किया जाएगा। अब तीनों कानून सीधे फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा सत्र में पास करवाए जाएंगे, ताकि कैबिनेट में पास करने कानूनों को अध्याधेस का रूप देने के लिए आने वाली कानूनी अड़चनों से बचा जा सके। सरकार पहले तीनों बिलों को विधानसभा में पास करवाने से पहले बिलों को कैबिनेट बैठक में पास करवाने का मन बना चुकी थी, ताकि देरी से दिसंबर में हुए विधानसभा सत्र में पास नहीं हो पाए बिलों को कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अध्याधेस बनाकर लागू किया जा सके। कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद सरकार ने अब बिलों को कैबिनेट बैठक में रखने का विचार त्यागकर सीधे विधानसभा में पास करने का मन बना लिया है।

यह बना कारण

भरोसमंद सूत्रों की माने तो लीगल टीम ने सरकार को सलाह दी कि कैबिनेट में बिल पास करने के बाद अध्याधेस स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजने होंगे। जबकि विधानसभा में पास होने पर राज्यपाल की स्वीकृति के बाद ही कानून बन जाएंगे। जिससे सरकार ने तीन जनवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में बिल पास करने का विचार तो त्याग दिया, परंतु बिलों पर चर्चा की जाएगी, ताकि विधानसभा में पास करवाते समय सरकार को किसी भी प्रकार से असहज न होना पड़ा।

यह है तीन बिल सरकार की तरफ से बिल भेजने में देरी के चलते दिसंबर में चले विधानसभा में तीनों बिल पास नहीं हो पाए थे। जिससे सरकार फरवरी में होने वाली विधानसभा सत्र से पहले अध्याधेस का रूप देकर कानूनों को लागू करना चाह रही थी। ताकि फरवरी में होने विधानसभा सत्र में बिलों का पास कर अध्याधेसों को कानूनी स्वरूप दिया जा सके। प्रस्तावित बिलों में  अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसने, सड़क पर शव को रखकर जाम लगाने से रोकने लिए शरीर सम्मान विधेयक, व हर्बल हुक्के की आड़ में रेस्टोरेंट, होटलों व हुक्का बारों पर लगाम कसना शामिल है।  

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