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Surajkund Mela: हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित सूरजकुंड मेले में हरियाणवी पगड़ी पर्यटकों अपनी ओर आकर्षित कर रही है। साथ ही सोशल मीडिया द्वरा यह काफी फेमस भी हो रहा है।

Surajkund Mela: हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हरियाणवी पगड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पगड़ी बंधवाने और हुक्का सेल्फी लेने के लिए दिनभर पर्यटकों की भीड़ लगी रही। हरियाणा के 'विरासत' की ओर से लगाई गई सांस्कृतिक प्रदर्शनी पर पगड़ी बंधाओ-फोटो खिंचाओ में हरियाणवी पगड़ी बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों तक को अपनी ओर लगातार आकर्षित कर रही है।

उपराष्ट्रपति की पत्नी भी बंधवा चुकी पगड़ी

इस विषय में जानकारी देते हुए विरासत के निदेशक ने बताया कि हरियाणा की पगड़ी को अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में खूब लोकप्रियता प्राप्त हो रही है। पर्यटक पगड़ी बांधकर हुक्के के साथ सेल्फी, हरियाणवी झरोखे, हरियाणवी दरवाजों, आपणा घर के दरवाजों के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। इससे हरियाणा की लोक सांस्कृतिक विरासत काफी लोकप्रिय हो रही है।

निदेशक ने बताया कि मेले के दूसरे दिन भारत के उपराष्ट्रपति महामहिम श्री जगदीप धनखड़ की धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ भी मेला के अवलोकन के दौरान हरियाणवी पगड़ी बंधवा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि लोकजीवन में पगड़ी की विशेष महत्वता है। पगड़ी की परंपरा का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। यह जहां एक ओर लोक सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ी हुई है, सामाजिक सरोकारों से भी इसका गहरा नाता है।

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हरियाणवी संस्कृति का दे रही संदेश  

हरियाणा के खादर, बांगर, बागड़, अहीरवाल, बृज, मेवात, कौरवी क्षेत्र समेत सभी क्षेत्रों में पगड़ी की विविधता देखने को मिलती है। प्राचीन काल में सिर को सुरक्षित रखने के लिए पगड़ी का प्रयोग किया जाता रहा है। इस परिधान को सभी परिधानों में सर्वोच्च स्थान मिला है। पगड़ी को लोक जीवन में पग, पाग, पग्गड़, पगड़ी, पगमंडासा, साफा, पेचा आदि कई नामों से जाना जाता है। अनादिकाल से ही पगड़ी को धारण करने की परंपरा रही है। फिलहाल सूरजकुंड मेले के परिसर में 'आपणा घर' में सजी 'विरासत' प्रदर्शनी हर पर्यटक को हरियाणवी संस्कृति का संदेश दे रही है।

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