रतिया/फतेहाबाद: उपमंडल के गांव अलीका में देर रात्रि एक नशा तस्कर को पकड़ने के लिए निजी गाड़ी में आए पंजाब पुलिस के कर्मचारियों और गांव वासियों में विवाद हो गया। गुस्साए गांव वासियों ने पंजाब पुलिस के कर्मचारियों की निजी गाड़ी का घेराव कर उसे तोड़ दिया और पुलिस कर्मचारियों पर भी हमला कर दिया। बाद में रतिया सदर थाना अध्यक्ष ओम प्रकाश बिश्नोई मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को शांत करवाते हुए पंजाब पुलिस के कर्मचारियों की जान बचाकर उन्हें रतिया सदर थाना में लेकर आए। इसके बाद पंजाब पुलिस के कर्मचारी वापस लौट गए।
नशा तस्कर को पकड़ने आई थी पंजाब पुलिस
जानकारी अनुसार पंजाब के अमृतसर पुलिस के सीआईए स्टाफ के कुछ कर्मचारी एक निजी गाड़ी पर रतिया उप मंडल के गांव अलीका पहुंचे। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक नशा तस्कर जो पंजाब पुलिस का वांछित था, गांव अलीका में अपने एक रिश्तेदार के पास आया हुआ है और रिश्तेदार का इंटरनेट भी यूज कर रहा है। इसके बाद पंजाब पुलिस के कर्मचारी उप निरीक्षक जगदीश सिंह के नेतृत्व में एक निजी गाड़ी में सवार होकर अलीका गांव में पहुंचे और एक घर में दबिश दी। पुलिस को देख कर तस्कर मौके से फरार हो गया लेकिन पुलिस कर्मचारी अलीका निवासी एक युवक को उठाकर ले जाने लगे। जैसे ही गांव वासियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस की निजी गाड़ी को घेर लिया और सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मचारियों के साथ बहस करने लगे व युवक को छुड़ा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस की निजी गाड़ी को भी तोड़ दिया।
हरियाणा पुलिस ने बचाई पंजाब पुलिस की जान
सूचना मिलने पर सदर थाना अध्यक्ष ओमप्रकाश मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को शांत किया। पंजाब पुलिस के कर्मचारियों को हिफाजत से रतिया सदर थाना में ले गए। पंजाब पुलिस के कर्मचारियों द्वारा गाड़ी तोड़फोड़ को लेकर पुलिस को कोई भी शिकायत नहीं दी गई। इस बारे में जब सदर थाना अध्यक्ष ओमप्रकाश से बात की तो उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस के कर्मचारियों पर हमले की सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पंजाब पुलिस के कर्मचारियों को बचाकर सदर थाना लाया गया। यहां से पंजाब पुलिस के कर्मचारी वापस लौट गए। पंजाब पुलिस के कर्मचारी निजी गाड़ी में आए थे जिसका ग्रामीणों को भ्रम पैदा हो गया। पंजाब पुलिस के कर्मचारियों द्वारा अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है।