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बिजली समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने शोभापुर बिजली घर पर ताला जड़कर ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर बहरोड नारनौल रोड को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने कर्मचारियों पर बिजली सप्लाई में मनमानी के आरोप लगाए। अधिकारियों के समझाने पर करीब तीन घंटे बाद रोड से जाम हटाया गया।

Narnol : शोभापुर गांव में बने पॉवर हाउस के कर्मचारियों की मनमानी के खिलाफ रविवार प्रात: गांव शोभापुर, भूषण कलां एवं भूषण खुर्द के ग्रामीण बिफर पड़े। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रात: करीब नौ बजे न केवल पॉवर हाउस में धरना-प्रदर्शन आयोजित किया, बल्कि नारनौल से बहरोड़ जाने वाले मार्ग के आरपार ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी करके उसे जाम भी कर दिया। इससे मार्ग कई घंटे तक अवरुद्ध रहा। बाद में सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस तथा ग्रामीण क्षेत्र के एसडीओ विक्रांत यादव मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को एक सप्ताह में आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात ग्रामीण शांत हुए तथा अपने घरों को चले गए।

 

पंचायत समिति सदस्य राजसिंह, गांव के सरपंच जितेंद्र, भूषण खुर्द सरपंच रिंकू यादव, भूषण सरपंच प्रतिनिधि राकेश, मुकेश नंबरदार, जितेंद्र नंबरदार, गजराज, कर्मबीर चौधरी, रोशनलाल एवं अनिल आदि समेत शोभापुर, भूषण कलां एवं भूषण खुर्द के सैकड़ों ग्रामीण शोभापुर में बने पॉवर हाउस पर पहुंचे तथा वहां पर तालाबंदी करके धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का आरोप था कि पॉवर हाउस के कर्मचारी मनमानी करते हैं तथा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के फोन को ब्लॉक मारकर रखते हैं। जब किसानों की प्रमुख आमदनी वाली रबी फसल की सिंचाई चरम पर चल रही है, तब बिजली आपूर्ति में मनमानी करते हैं। इससे किसान फसलों की सिंचाई समय पर नहीं कर पा रहे हैं तथा फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। इस समय सरसों एवं गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बहुत जरूरी है, लेकिन अनेक किसान बिजली आपूर्ति नहीं छोड़ने से परेशान हैं। बिजली देते हैं तो रात को देते हैं, जबकि फुल वोल्टेज दैनिक कार्यों के लिए दिन के समय भी कम से कम एक घंटा अवश्य आनी चाहिए। शोभापुर फीडर पर शुरूआत में जितने गांव थे, उनमें और गांव जोड़कर इसका लौड बढ़ा दिया गया है। इससे सभी किसानों खासकर ग्रामीणों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारी उनके फोन तक नहीं उठाते हैं, जबकि वह ग्रामीण जनप्रतिनिधि के रूप में प्रशासन एवं सरकार की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कर्मचारी उन्हीं लोगों के फोन उठाते हैं, जो इनकी सेवा करते हैं या दारू-दपड़ पिलाते हैं। यहां का स्टाफ किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन की लोकशन चेंज करने पर परेशान करता है तथा उन्हें डरा-धमका कर उनसे अवैध वसूली करता है। इसलिए यहां के स्टॉफ से किसान एवं ग्रामीण सभी परेशान हैं और इनको बदला जाए।

 

तीन घंटे बाद पहुंचे एसडीओ

जब ग्रामीण किसान धरना देकर पॉवर के अंदर दरी बिछाकर बैठ गए, तब करीब तीन घंटे बाद लगभग 12 बजे ग्रामीण क्षेत्र के एसडीओ विक्रांत यादव मौके पर पहुंचे। उनके साथ ही कार्यकारी अभियंता के प्रतिनिधि के तौर पर अटेली से भी बिजली कर्मचारी मौके पर आए। जिन्हें ग्रामीणों ने एक मांग पत्र भी सौंपा।

 

लिखित में रखी अपनी मांगें

 

ग्रामीणों ने लिखित मांग की है कि भूषण, शोभापुर हेतु अलग से ट्रांसफार्मर होना चाहिए और इसमें किसी अन्य गांव को नहीं जोड़ा जाए। पैट सिस्टम सुचारु रूप से बिजली नहीं देते हैं। इन्हें ठीक किया जाए। इस पॉवर हाउस में पहले जो गांव थे, वही गांव रखे जाएं। हमारे फीडर से कोई अन्य गांव नहीं जोड़ा जाए। यहां का स्टॉफ जनप्रतिनिधियों जैसे गांव के पंच, सरपंच पंचायत सतिति सदस्यों के फोन तक नहीं उठाते और गांव के अधिकत्तर लोगों के फोन ब्लैक लिस्ट में डाल रखे हैं। इसलिए यहां के सारे स्टॉफ का बदला जाए। बिजली देने का शेड्यूल एक-एक सप्ताह का किया जाए। जब लाइट फुट रात्रि में आती है तो एक घंटा दिन में भी फुल बिजली दी जाए। एक फेस में डिम लाइट रेगुलर दी जाए। स्टाफ केवल अपने निजी लोगों के फोन उठाते हैं, बाकि के साथ बदतमीजी करते हैं। इसलिए इन्हें बदलकर यहां भूषण व शोभापुर का स्टॉफ लगाया जाए।

 

 

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