Mahendragarh: जिस नहर के पानी को पूरा क्षेत्र व शहर पी रहा है, उसमें आए दिन बोरों में भरकर मरे हुए मुर्गे डाले जा रहे हैं। बुधवार को कर्मचारियों ने कई कट्टों में मरे हुए मुर्गे व मुर्गियों को एनबी-टू पंप हाउस सुरजनवास के पास तैरते हुए देखे। इसके बाद कर्मचारी ने डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तथा कट्टों को बाहर निकालकर देखा तो कट्टे में काफी संख्या में मरे हुए मुर्गे मिले। लोगों ने कहा कि नहर में इस प्रकार से मरे हुए मुर्गे डालना लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है। पिछले साल भी नहर में मरे हुए मुर्गे कट्टे में भरकर डाले गए थे। प्रशासन व संबंधित विभाग ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें।

पिछले साल भी डाले गए थे मरे हुए मुर्गे

बता दें कि नहर में लोग मरे हुए मुर्गों को कट्टों में भरकर डालते रहते हैं। पिछली साल भी ऐसे मामले सामने आए थे। जिस पर संबंधित विभाग सख्त हुआ तो इस प्रकार के मामले नहीं हुए। बुधवार कट्टों में जो कुछ मिला, उसे देखकर किसी को भरोसा नहीं हुआ कि वह ऐसे पानी से प्यास बुझा रहे हैं। भले ही जनस्वास्थ्य विभाग नहरी पानी की शुद्धिकरण करने के बाद सप्लाई की बात करता है, परंतु इस तरह से मरे हुए मुर्गे डालकर पानी को दूषित करते रहते हैं।

काफी संख्या में पोल्ट्रीफार्म

बता दें कि पूरा जिला नहरी पानी पर आधारित है। जिले से जवाहर लाल कैनाल नहर निकलती है। इस नहर से ही पूरे जिले की पानी की प्यास बुझाई जाती है। नहर के नजदीक ऐसे में पोल्ट्रीफार्म संचालक द्वारा मरे हुए मुर्गे डालना लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नहर के पास लगते गांवों में काफी संख्या में पोल्ट्रीफार्म बने हुए हैं। भीषण गर्मी व किसी अज्ञात बीमारी के कारण मुर्गे जल्द ही दम तोड़ रहे हैं। पोल्ट्रीफार्म संचालक मरे हुए मुर्गे कट्टे में भरकर रात्रि के समय नहर में डाल जाते हैं।