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हरियाणा में अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में ही गर्मी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जो सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा माना जा रहा है। शाम के समय आसमान में छाए घने बादलों ने किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी। 11 अप्रैल से मौसम में फिर बदलाव होने की उम्मीद है।

Haryana: प्रदेश में अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में ही गर्मी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जो सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा माना जा रहा है। शाम के समय आसमान में छाए घने बादलों ने किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी। 11 अप्रैल से मौसम में फिर बदलाव होने की उम्मीद है। हल्की बरसात के साथ ओलावृष्टि की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा। बुधवार को सुबह से आसमान साफ रहा। तेज धूप के कारण अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़कर इस सीजन में पहली बार 40.2 डिग्री पर पहुंच गया। रात का तापमान भी 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

तापमान बढ़ने के साथ पीक पर पहुंचने लगी गर्मी

तापमान बढ़ने के साथ ही गर्मी अपने पीक की ओर बढ़ने लगी है। इसका असर दोपहर के समय बाजार और सड़कों पर साफ नजर आने लगा है। बाजार में सुबह 10 बजे के बाद भीड़ कम होना शुरू हो जाती है। शाम को 5 बजे के बाद ही चहल-पहल नजर आने लगती है। दोपहर के समय सड़कों पर भी यातायात का दबाव काफी कम देखने को मिलता है। मौसम विभाग के अनुसार वीरवार से मौसम में करीब एक सप्ताह तक परिवर्तन देखने को मिलेगा। आसमान में बादल छाने के साथ ही तेज हवाएं हल्की या तेज बरसात का कारण बन सकती हैं। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। तापमान में भी मौसम के बदलाव के साथ उतार-चढ़ाव बना रहने के आसार हैं।

ओलावृष्टि का खतरा अभी टला नहीं

मौसम विभाग के अनुसार कमजोर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से अगले दो-तीन दिन तक मौसम में बार-बार बदलाव आ सकता है। आसमान में बादल छाने के साथ हल्की या तेज बरसात और ओलावृष्टि हो सकती है। हालांकि गेहूं कटाई का कार्य इस समय अंतिम चरण में है, लेकिन ओलावृष्टि भी किसानों को नुकसान पहुंचा सकती है। आसमान में बादल छाते ही फसल काटने और निकलने का कार्य तेज हो जाता है। ओलावृष्टि कटी हुई फसल को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

बिजली की खपत में लगातार वृद्धि

मौसम गर्म होने के कारण कूलर और एसी चलने से बिजली का लोड तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। इस समय कृषि क्षेत्र में बिजली की डिमांड कम हो चुकी है। घरेलू क्षेत्र में मांग बढ़ने से बिजली की दैनिक खपत 65 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत जल्द ही 70 लाख यूनिट के पार हो सकती है। भारी गर्मी में लोगों को लोड बढ़ने के कारण पावर कटों का सामना भी करना पड़ेगा।

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