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Drone Training scheme: ड्रोन बनाने वाली कंपनी की ओनर राधिका गोयंका और शंकर गोयंका ने बताया कि वे ड्रोन कोर्स से किसानों और महिलाओं को काफी फायदा होगा और खेती भी होगी आसान।

Drone Training scheme: आज की खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। जिसको लेकर महिलाएं भी ड्रोन दीदी प्रोजेक्ट में अपना योगदान दे रही है। ड्रोन दीदी प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन पायलट बनकर महिलाएं अपने लिए रोजगार प्राप्त कर सकती हैं। हरियाणा के हिसार में टीटीसी सेंटर में महिलाओं और युवतियों को ड्रोन पायलट बनाने के लिए कोर्स करवाया जा रहा है। इस कोर्स में 18 साल से 60 साल की उम्र की महिलाएं भाग ले सकती हैं।

कोर्स के लिए फीस

ड्रोन पायलट कोर्स के लिए 25000 रुपये फीस तय की गई है, जो कोर्स एक सप्ताह की होगी। इस कोर्स पूरा होने पर सरकार की तरफ से ड्रोन पायलट का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। फरवरी महीने तक 60 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। खेती से जुड़ी महिलाएं इस कोर्स को अपनाकर अपना समय बचा सकती है और खेती से न जुड़ी महिलाएं भी इसको बिजनेस के तौर पर कोर्स कर रुपये कमा सकती हैं।  

ड्रोन पायलट रोजगार को बढ़ावा दे रही है

किसान अपने खेतों में लिक्विड फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अब खेतों के ऊपर ड्रोन उड़ाकर लिक्विड खादों का छिड़काव किया जा रहा है। खेतों पर ड्रोन उड़ाने के लिए सबसे पहले पुरुषों का चयन किया गया था, लेकिन अब महिलाएं भी आगे आ रही हैं और ड्रोन पायलट बनकर रोजगार उपलब्ध करवा रही हैं। टीटीसी में पिछले कुछ समय में पूरे हुए कोर्स में पंजाब की 6 लड़कियों के एक बैच ने ट्रेनिंग ली है।

खेती में ड्रोन के फायदे

-खेतों में स्प्रे करते समय जहरीले जानवर के काटने का डर नहीं रहेगा। क्योंकि ड्रोन से छिड़काव करते समय किसान को फसल के बीच में नहीं जाना पड़ेगा वह एक जगह खड़ा होकर फसलों पर कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव आसानी से कर पाएगा।

-फसलों को कीटनाशकों से बचाव करने वाले स्प्रे को एक जगह खड़े होकर ड्रोन की सहायता से आसानी फसलों पर छिड़काव किया जा सकता है और स्प्रे का दुष्प्रभाव भी शरीर पर नहीं पड़ेगा।

-एक बार में ड्रोन 10 लीटर तक स्प्रे या लिक्विड लेकर उड़ सकता है और आसानी से खेतों में स्प्रे कर सकता है।

-एक दिन में 20 से 25 एकड़ में किसान कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव कर सकता है। इससे किसान को पैसे, पानी और समय की बचत होगी और छिड़काव करना भी आसान रहेगा।

महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर

ड्रोन बनाने वाली कंपनी की ओनर राधिका गोयंका और शंकर गोयंका ने बताया कि वे ड्रोन वाव गो कृषि विमान नाम से ड्रोन बनाते हैं। इसके लिए सात दिन का कोर्स करवाया जाता है और 25000 रुपये फीस ली जाती है। जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से लगती है। दो दिन पहले ही पंजाब की 6 लड़कियों का एक बैच ड्रोन पायलट बनकर गया है। महिलाएं कृषि ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर आत्म निर्भर बनेंगी और साथ ही दूसरों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेंगी।

उन्होंने ये भी कहा कि ट्रेनिंग के दौरान महिलाओं को ड्रोन उड़ाना, रिपेयर करना, रख-रखाव आदि से लेकर ड्रोन से संबंधित अन्य सभी नियम कायदों के बारे में बताया  जाता है। महिलाएं एक एकड़ में स्प्रे करने के लिए करीब 500 रुपये ले रही हैं। एक बार में ड्रोन 10 लीटर लिक्विड लेकर उड़ सकता है और एक एकड़ में करीब 5-6 मिनट में छिड़काव पूरा हो जाता है।  

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