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दिल्ली और पानीपत में लग्जरी कारों की चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। इस गैंग का मास्टरमाइंड दिल्ली पुलिस का एक सिपाही निकला। आरोपी हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल कर वारदातों को अंजाम देते थे। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। गैंग अब तक 20 कारें चुरा चुका है।

मास्टरमाइंड निकला दिल्ली पुलिस का सिपाही ः हरियाणा के पानीपत जिले में पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने दिल्ली और पानीपत से अब तक 20 लग्जरी कारें चुराई हैं। इस हाईटेक गैंग का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस का एक सिपाही निकला है। गिरोह के सदस्य चोरी के लिए टैब में इंस्टॉल एक विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर गाड़ियों को मिनटों में स्टार्ट कर ले जाते थे। पानीपत की एवीटी सेल ने इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया है।

गिरफ्तारी के साथ हुआ चौंकाने वाला खुलासा

सोनीपत के कामी चौक के पास से गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान असीम निवासी किठौर, मेरठ (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में असीम ने कबूला कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पानीपत में 2 और दिल्ली में 18 लग्जरी कार चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों में दिल्ली पुलिस में कार्यरत कांस्टेबल अजय, सोनीपत के थारू गांव निवासी सुदीप धनखड़, खुबडू गांव निवासी गौरव, मेरठ के माजिद और काकौल गांव निवासी रिजवान शामिल हैं।

पानीपत में चोरी की गई फॉर्च्यूनर से हुआ खुलासा

पुलिस जांच में पता चला कि 5 फरवरी की रात इन आरोपियों ने पानीपत के मॉडल टाउन इलाके से एक घर के बाहर खड़ी फॉर्च्यूनर कार को चुराया था। यही नहीं, देशवाल चौक के पास से भी एक हुंडई वेन्यू चोरी की गई थी। हालांकि चोरी के बाद पेट्रोल खत्म होने के कारण आरोपी बिंझौल गांव के पास गाड़ी छोड़कर भाग गए थे, जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया।

पहले भी गिरफ्तार हो चुका है गिरोह का सदस्य

गिरोह के एक अन्य सदस्य गौरव को पहले ही 18 फरवरी को रिफाइनरी के पास से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से दिल्ली से चोरी की गई बलेनो और एक अवैध देसी पिस्तौल बरामद हुई थी। गौरव के रिमांड के दौरान पुलिस को दिल्ली से चोरी की गई एक और ब्रेजा कार भी मिली थी। इस तरह, गिरोह के पास से अब तक दो कारें और अवैध हथियार बरामद किए जा चुके हैं।

पुलिस का सिपाही बना मास्टरमाइंड

पूछताछ के दौरान असीम ने एक बड़ा खुलासा किया कि वह पहले भी वाहन चोरी के मामले में दिल्ली पुलिस की एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, उस समय तैनात सिपाही अजय से उसकी जेल में मुलाकात हुई थी। अक्तूबर 2024 में जमानत पर बाहर आने के बाद असीम और अजय ने मिलकर वाहन चोरी का गिरोह बनाया। अजय, जो अब भी दिल्ली पुलिस में कार्यरत है, ने शॉर्टकट से पैसा कमाने के लिए इस रास्ते को चुना और अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर महंगी गाड़ियों की चोरी शुरू कर दी। पिछले चार महीनों में उन्होंने दिल्ली और पानीपत में कुल 20 लग्जरी कारें चुरा लीं।

सॉफ्टवेयर से स्टार्ट करते थे गाड़ियां

गिरोह की कार्यशैली बेहद हाईटेक थी। रात के समय आरोपी चोरी की एक अन्य गाड़ी में सवार होकर सेक्टरों और कॉलोनियों में घूमते थे। जैसे ही उन्हें कोई महंगी गाड़ी दिखाई देती, वे पहले उसकी रेकी करते, फिर पेचकस की मदद से ड्राइवर साइड का शीशा तोड़ते और टैब में इंस्टॉल सॉफ्टवेयर की मदद से गाड़ी को स्टार्ट कर फरार हो जाते। ये आरोपी चोरी की गई गाड़ी को पहले कॉलोनी में कहीं छुपाते और फिर उसे यूपी के मेरठ निवासी वसीम लोटी को बेच देते। पुलिस को शक है कि वसीम इस चोरी की गाड़ियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए आगे बेच देता था।

जंगी ऐप से करते थे बातचीत

गिरोह के सदस्य आपस में संपर्क बनाए रखने के लिए जंगी ऐप नामक एक गुप्त संचार माध्यम का इस्तेमाल करते थे। यह ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वाला है, जिससे पुलिस को ट्रैकिंग में परेशानी होती है। इससे स्पष्ट होता है कि गिरोह ने अपनी पहचान छुपाने के लिए तकनीकी साधनों का बखूबी इस्तेमाल किया। 

पुराने मामलों में भी आरोपी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी असीम के खिलाफ दिल्ली और गुरुग्राम में वाहन चोरी के कुल 51 मामले पहले से दर्ज हैं। ऐसे में यह गिरोह पेशेवर अपराधियों का समूह था, जो तकनीक और पुलिस तंत्र की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहे थे।

पुलिस रिमांड पर आरोपी, आगे की जांच जारी

फिलहाल आरोपी असीम को कोर्ट से 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस का मानना है कि इस रिमांड के दौरान और भी कई अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। डीएसपी राजबीर सिंह के अनुसार, गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।

पानीपत पुलिस की इस सफलता ने एक बड़े वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस के एक सिपाही की संलिप्तता ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह घटना साफ दर्शाती है कि अपराध और अपराधी अब परंपरागत सीमाओं को पार कर चुके हैं।  

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