रेवाड़ी: नाबालिग के साथ अपहरण के बाद दुष्कर्म (Rape) करने के मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश गुप्ता की फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने दोषी सुनील निवासी गांव लोधाना को 20 साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 1 लाख 3 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना राशि जमा न करने पर दोषी को अतिरक्त कैद की सजा काटनी होगी। अदालत ने दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती।
अपहरण के बाद गुरुग्राम में मिली थी पीड़िता
रोहड़ाई थाना क्षेत्र से 10 अप्रैल 2019 को 16 साल की नाबालिग अचानक लापता हो गई। नाबालिग के पिता ने थाना रोहड़ाई में अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने नाबालिग को 26 जून 2019 को गुरुग्राम के एक गांव से बरामद किया। काउंसलिंग के दौरान नाबालिग ने एक युवक पर अपहरण (Kidnapping) कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। नाबालिग के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने दुष्कर्म की धारा जोड़ते हुए 29 जून 2019 को मामले में आरोपी गांव लोधाना निवासी सुनील को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया।
अदालत ने सुनाई दोषी को सजा
मामले की सुनवाई करते हुए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (Court) के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लोकेश गुप्ता ने आरोपी सुनील को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद और 1 लाख तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को 20 महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। एसपी गौरव राजपुरोहित ने सभी थाना प्रबंधक, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को निर्देश दिए कि महिला विरुद्ध अपराध व पॉक्सो एक्ट के तहत बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें।