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हरियाणा के रेवाड़ी में रोडवेज विभाग में कांट्रेक्ट के आधार पर चल रही बस के चालक ने वेतन को लेकर खाटूश्याम से वापस बस लाने से इनकार कर दिया। ठेकेदार ने दूसरे चालक का प्रबंध कर बस को वापस बुलाया।

रेवाड़ी: रोडवेज विभाग में कांट्रेक्ट के आधार पर चल रही बसों के चालक किस तरह बेलगाम हैं, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बस चालक ने राजस्थान के खाटूश्याम पहुंचने के बाद सैलरी मिले बिना बस वापस लाने से इनकार कर दिया। बस परिचालक से लेकर यात्री तक बस चलने का इंतजार करते रहे, परंतु चालक बस चलाने को तैयार नहीं हुआ। उसके बाद कांट्रेक्टर ने दूसरे चालक की व्यवस्था करते हुए बस को वापस बुलाया। बस चालक ने कई दिनों से वेतन नहीं दिए जाने का दावा सोशल मीडिया पर किया, तो कांट्रेक्टर ने चालक की ओर से एडवांस की मांग करने की बात कही है।

रेवाड़ी से खाटूश्याम गई थी बस

रेवाड़ी से बीते बुधवार को राजस्थान के खाटूश्याम बस रवाना हुई थी। इस बस को खाटूश्याम से वीरवार सुबह 5:20 बजे रेवाड़ी के लिए रवाना होना था। यात्री बस के चलने का इंतजार कर रहे थे, परंतु चालक ने बस वापस लाने से मना कर दिया। इसके बाद चालक की ओर से एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें वह ठेकेदार पर कई दिनों से वेतन नहीं देने का आरोप लगा रहा है। चालक ने स्पष्ट किया कि जब तक उसे वेतन नहीं मिलेगा, वह बस लेकर नहीं जाएगा। बस परिचालक ने इसकी सूचना फोन पर डिपो के ड्यूटी सेक्शन को दी। ड्यूटी सेक्शन की ओर से कांट्रेक्टर को इस बारे में बताया गया। कांट्रेक्टर ने खाटूश्याम में ही किसी दूसरे चालक की व्यवस्था कराते हुए बस को रेवाड़ी बुलाया।

यात्रियों को करना पड़ा परेशानी का सामना

चालक के बस चलाने से मना करने के बाद खाटूश्याम से नारनौल व रेवाड़ी की ओर आने वाले यात्रियों को काफी देर तक परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्री दूसरी बसों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। सवाल यह उठ रहा है कि जब चालक को कई दिनों से वेतन नहीं मिल रहा, तो वह बस को डिपो से लेकर गया ही क्यों। सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने के बाद बस को वापस लाने से मना करना चालक की मनमानी को भी उजागर कर रहा है। कांट्रेक्टर का आरोप है कि दूसरा चालक भेजने से पहले चालक ने बस की रिले भी उखाड़ दी, जिस कारण मौके पर ही मैकेनिक बुलाकर बस ठीक कराई गई।

कई बस चालकों ने दर्ज कराई शिकायत

बस चालक का वीडियो वायरल होने के बाद कांट्रेक्ट की बसें चलाने वाले कई चालकों की ओर से रोडवेज जीएम को पत्र लिखा गया, जिसमें ठेकेदार पर समय पर वेतन नहीं देने का आरोप लगाया गया। पत्र में लिखा गया कि उन्हें न तो समय पर वेतन मिलता है और न ही रूटों पर चलाने के लिए सही बसें दी जाती हैं। उन्होंने जीएम को लिखे पत्र में ठेकेदार पर नौकरी से निकालने की धमकी देने के आरोप भी लगाए। पत्र के अनुसार रूट पर रास्ते में बस खराब हो जाती हैं, तो उनसे होने वाले नुकसान की भरपाई भी चालक की सैलरी से कराई जाती है। उन्होंने जीएम से मामले में उचित कदम उठाने की मांग की।

ठेकेदार का अपना तर्क

इस संबध में ठेकेदार रविंद्र सांगवान ने चालकों के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनका प्रयास चालकों को समय पर वेतन देने का रहता है। वेतन भुगतान के लिए उन्हें रोडवेज विभाग से भुगतान लेना होता है। कई बार उनके बिलों का भुगतान होने में देरी हो जाती है, जिस कारण कुछ चालकों के वेतन में देरी होती है। इसके लिए विभाग भी कम जिम्मेदार नहीं है। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि कुछ चालक जानबूझकर बदनाम करने की कौशिश कर रहे हैं, जबकि इनमें से कुछ लोग बसों का डीजल तक चोरी करने से बाज नहीं आते।

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