Bharat Bandh Protest in Haryana: सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण पर दिए आदेश के खिलाफ कई संस्थाओं द्वारा 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया गया। इसी के तहत रोहतक में संवैधानिक एससी-एसटी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही लोगों ने यहां पर डीसी के माध्यम से देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन के माध्यम से लोगों ने अपनी मांग सरकार के सामने रखी। मांग में कहा गया है कि एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निरस्त करने के लिए मौजूदा संसद सत्र में विधेयक पास किया जाए। वहीं, फतेहाबाद में भी लोगों ने लघु सचिवालय पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह राज्य में कई जगहों पर लोगों ने अपना विरोध जताया और भारत बंद ऐलान के बाद हरियाणा के बाजार भी कई जगह पर पूरी तरह से बंद कर दिए गए।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने कही ये बात
बता दें कि एससी-एसटी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने 1 अगस्त, 2024 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी वर्ग के लिए आरक्षण के संबंध में क्रीमी लेयर लागू करने और एससी एसटी वर्ग में उप-वर्गीकरण करने का फैसला सुनाया है। साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने उप-वर्गीकरण के इस फैसले को खारिज कर दिया था। उस समय कहा गया था कि कोटे के भीतर आरक्षण की व्यवस्था असंवैधानिक है।
मांगें पूरी न होने तक डटे रहेंगे
इस प्रदर्शन में एससी-एसटी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आरके रंगा, हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान डॉ. दिनेश निंबड़िया और श्री कृष्ण कलानौर सहित कई लोग शामिल हुए। यहां पर उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा इसके लिए आज सर्व समाज के लोग अपना रोष प्रकट करने के लिए सड़कों पर उतर आए और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे पीछे हटेंगे और उनका यह आंदोलन जारी ही रहेगा।