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सिरसा के सैलून संचालक को इनकम टैक्स विभाग ने 37.87 करोड़ का नोटिस भेजा। राकेश की दिनभर की कमाई 500 से भी कम है और वह मुश्किल से घर चला पा रहा है। उसने पहले 10,000 का लोन लिया था, जिससे उसे शक है कि उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है।

लोन देने वालों पर शक : हरियाणा के सिरसा जिले के अली मोहम्मद गांव के निवासी राकेश कुमार के साथ एक अजीबो-गरीब घटना घटी है। इनकम टैक्स विभाग ने राकेश को 37.87 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है, जबकि राकेश का कहना है कि वह मुश्किल से 500 रोज कमाता है। उसकी स्थिति इतनी खराब है कि वह अपने परिवार को किसी तरह से पालने के लिए सैलून चलाता है और उसके पास इतनी बड़ी रकम चुकाने की कोई उम्मीद नहीं है। नोटिस मिलने के बाद से राकेश और उसका परिवार पूरी तरह से परेशान हो गया है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि इस भारी-भरकम टैक्स का भुगतान कैसे करेंगे।

किसी ने राकेश के दस्तावेजों से खोली फर्जी कंपनी

राकेश ने बताया कि उसने 2020-21 में एक लोन कंपनी से 10,000 का कर्ज लिया था, जिसे उसने चुका दिया था। उसे शक है कि इसी लोन के दौरान उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया हो, जिससे किसी ने फर्जी फर्म खोल ली हो। राकेश का कहना है कि उसने कभी इतनी बड़ी रकम का व्यापार नहीं किया, न ही उसके पास इतना पैसा है, जिसके लिए उसे इनकम टैक्स का नोटिस भेजा गया हो। राकेश का कहना है कि वह किसी के द्वारा धोखा दिए जाने का शिकार हो सकता है, लेकिन उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

नोटिस मिलने के बाद राकेश की परेशानी

राकेश कुमार के लिए यह नोटिस किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ, 29 मार्च को जब वह अपने सैलून पर नहीं था तो डाकिया उसके नाम का एक लिफाफा पड़ोसी की दुकान पर छोड़ गया। जब राकेश वापस लौटे तो पड़ोसी ने लिफाफा थमा दिया। लिफाफा खोलने पर राकेश को समझ में आया कि उसे 37.87 करोड़ का टैक्स चुकाने का नोटिस भेजा गया है, चूंकि राकेश 5वीं कक्षा तक पढ़ा है इसलिए उसने यह नोटिस अपने जानकार को दिखाया। जानकार ने उसे बताया कि इस नोटिस में राकेश और उसके पिता का नाम है और वह खुद को धोखे का शिकार मानते हैं।

प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली

राकेश ने नोटिस को लेकर डीसी कार्यालय और थाने में भी शिकायत दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन उसकी कोई मदद नहीं हो पाई। राकेश के मुताबिक उसने सबसे पहले डीसी ऑफिस में शिकायत देने का प्रयास किया, लेकिन वहां उसकी शिकायत की कॉपी नहीं ली गई। स्टाफ ने उसे बताया कि उसे अपनी शिकायत चौपटा पुलिस थाने में जमा करवानी होगी, फिर वहीं मामला हल होगा। जब राकेश थाने गया तो वहां के पुलिस कर्मियों ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे, लेकिन अब तक किसी भी विभाग ने उसका कोई समाधान नहीं किया।

पंचायती जमीन पर बना है कच्चा घर, दो कमरे हैं

राकेश और उसका परिवार इस नोटिस को लेकर पूरी तरह से चिंतित है। राकेश का घर पंचायती जमीन पर बना है। उसका घर कच्चा है और उसमें केवल दो कमरे हैं। परिवार की हालत बहुत खराब है और राकेश का कहना है कि वह किसी तरह सैलून चला कर अपने परिवार का गुजारा करता है। इसके अलावा उसके पास कोई अन्य संपत्ति नहीं है और वह अक्सर पैसे उधार लेकर काम चलता है। इस नोटिस ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

गांव की पूर्व सरपंच व नाथूसरी चौपटा थाने के SHO बोले 

गांव की पूर्व सरपंच मंजू देवी ने कहा कि राकेश के पास तो कुछ भी नहीं है। वह मुश्किल से अपना घर चला पा रहा है और उसने कभी इतना बड़ा व्यापार नहीं किया, जिससे उसे 37 करोड़ का टैक्स देना पड़े। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी गलती हो सकती है और इसे ठीक किया जाना चाहिए। वहीं नाथूसरी चौपटा थाना के SHO सुखदेव सिंह ने इस मामले पर कहा कि अगर राकेश ने थाने में शिकायत दी है तो वे उसे देखेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। उनका मानना है कि इस मामले का समाधान संबंधित विभाग ही कर सकता है।

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