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सोनीपत में रोड के साथ दीवार बनाने के आदेश दिए गए थे। दीवार हकीकत में नहीं सिर्फ कागजों पर बनी। इसके बजट को अधिकारियों और ठेकेदारों ने बंदरबांट कर खा लिया और अब इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

हरियाणा के सोनीपत में रिटेनिंग वॉल बनाए बिना ही लोक निर्माण विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को लाखों रुपए दे दिए। इस दीवार को बनाने के लिए पचास लाख रुपए का बजट था। कागजों पर दीवार बन गई थी, लेकिन हकीकत में दीवार का कहीं नामोनिशान नहीं था। ढाई साल बाद रोड के साथ बनने वाली इस दीवार को लेकर शिकायत दर्ज की गई, तो आनन-फानन में वहां पर दीवार खड़ी कर दी गई। इस दीवार को बनाने के लिए कच्ची ईंटों का इस्तेमाल कर उन्हें छिपाने के लिए पुताई कर दी गई। इस मामले में आरोप लगाया जा रहा है कि ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मिलकर लाखों रुपए हड़प कर गए। 

कागजों में दीवार बनकर तैयार

जानकारी के मुताबिक, डॉक्यूमेंट के आधार पर सोनीपत के छतेहरा गांव से कंवाली वाया गढ़ी बाला वाले रोड के साथ 400 मीटर की रिटेनिंग वॉल बननी थी और सड़क की रिपेयरिंग का काम होना था। इसको लेकर दिसंबर 2022 में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर दिया गया। इसको लेकर नाबार्ड फंड से 50 लाख रुपए का बजट था। इस काम के लिए छह महीने का समय दिया गया था। इस हिसाब से इस काम जून 2023 तक पूरा हो जाना था लेकिन वहां पर दीवार नहीं बनी। हालांकि कागजों में ये दीवार बनकर तैयार थी और इसके लिए ठेकेदार को 50 लाख की पेमेंट कर दी गई। 

शिकायत के आधार पर जांच

नाबार्ड को ढाई साल बाद तमन्ना अहलावत ने शिकायत कर बताया कि जिस काम के लिए 50 लाख की पेमेंट की गई है, वहां पर कोई काम ही नहीं हुआ है। इसके पैसे अधिकारी और ठेकेदार आपस में गटक गए। इस शिकायत के आधार पर नाबार्ड के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सोनीपत PWD के एसई को 21 अक्टूबर 2024 को एक पत्र लिखा। इसके बाद जांच के आदेश दिए गए। अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां केवल नींव खुदी पड़ी थी लेकिन कोई भी रिटेनिंग वॉल नहीं थी।

इसके बाद 25 अक्टूबर को यहां पर रिटेलिंग वॉल बनाने का काम शुरू किया गया। साल 2022-23 में हुए इस घपले में अधिकारी और ठेकादार ने इस बजट का बंदरबांट कर लिया। अब इस दीवार में हो रहे काम को लेकर भी ध्यान में रखा गया कि किसी की भी जेब से ज्यादा पैसा खर्च न हो। कम खर्च के कारण रिटेनिंग वॉल बनाने में कच्ची व खराब ईंटों का इस्तेमाल किया गया और ऊपर से सीमेंट का प्लास्टर कर दिया गया, ताकि घटिया मैटेरियल को छुपाया जा सके। 

डीसी ने दिए जांच के आदेश

इस मामले में सोनीपत के डीसी डा. मनोज कुमार का कहना है कि हमें पता चला है कि इस दीवार का काम सही ढंग से नहीं हुआ है और इसमी क्वालिटी को लेकर भी दिक्कत है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

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