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Seed Sellers Protest: सोनीपत में आज दुकानदारों ने सरकार बीज संशोधन विधेयक 2025 का जमकर विरोध किया है। विधेयक के खिलाफ विक्रेताओं ने हड़ताल करने का भी ऐलान किया है।

Seed Sellers Protest: सोनीपत में आज यानी 7 अप्रैल सोमवार को बीज विक्रेताओं ने हंगामा कर दिया। दुकानदारों ने इकट्ठा होकर सरकार के बीज संशोधन विधेयक 2025 का विरोध किया है। विक्रेताओं ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर विरोध जताया है। इस कड़ी में दुकानदारों ने आज से अगले एक सप्ताह तक दुकानें बंद रखने का फैसला लिया है। ऐसे में खरीफ की बुआई कर रहे किसानों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।

विधेयक का क्या उद्देश्य है ?

दरअसल हरियाणा सरकार ने नकली और मिलावटी बीज की बिक्री पर रोक लगाने के लिए बीज अधिनियम में संशोधन किया गया है। अगर बेचे गए बीज की गुणवत्ता खराब पाई जाती है, तो विधेयक के तहत उत्पादक और विक्रेता दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में उत्पादक और विक्रेता दोनों को 3 महीने से 3 साल तक की जेल और 50 हजार से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

विक्रेता विधेयक का विरोध क्यो कर रहे हैं ?

बीज संशोधन विधेयक 2025 को लेकर विक्रेताओं का कहना है कि इस संशोधन विधेयक में विक्रेता को भी उत्पादक के समान जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि विक्रेता का काम केवल बीज बेचना होता है। विक्रेताओं का कहना है कि बीज की गुणवत्ता की जिम्मेदारी उत्पादक पर होती है। विक्रेताओं का कहना है कि इस कानून के तहत उन्हें बेवजह परेशान किया जाएगा, जिसकी वजह से उनके व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रदेश के बीज उत्पादकों ने पहले ही बीज की सप्लाई बंद कर दी थी, जिसके बाद अब विक्रेताओं ने भी दुकानें बंद करने का फैसला लिया है।

किसानों को भुगतना पड़ेगा नुकसान

दुकानें बंद होने की वजह से किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। ऐसे में फसल उत्पादन भी प्रभावित होगा। सोनीपत में खरीफ सीजन के दौरान लगभग 2 लाख हेक्टेयर भूमि पर अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं, जिसके लिए बड़ी मात्रा में बीज की जरूरत होती है। ऐसे में व्यापारियों और किसानों दोनों को नुकसान झेलना पड़ेगा। बता दें कि विधेयक के खिलाफ व्यापारियों ने अगले एक सप्ताह तक हड़ताल की घोषणा की है।

विक्रेताओं की क्या मांग है ?

बीज विक्रेताओं मांग है कि सरकार बीज संशोधन विधेयक 2025 में विक्रेता की जिम्मेदारी को लेकर किए गए प्रावधानों पर फिर से विचार करें। उनकी मांग की है कि विक्रेता को केवल बीज बेचने के लिए जिम्मेदार माना जाना चाहिए। बीज की गुणवत्ता के लिए उत्पाद जिम्मेदार होना चाहिए। उनका कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, आगे भी हड़ताल जारी रहेगी।  किसानों और विक्रेताओं दोनों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

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प्रधान सतीश कुमार बिन्नी ने क्या कहा ?

बीज की सप्लाई गुरुवार से ही बंद कर दी गई थी। रविवार को कुरुक्षेत्र में हुई बैठक में यह तय हुआ कि एक सप्ताह तक दुकानें बंद रखकर विरोध दर्ज करवाया जाएगा। इस फैसले से दुकानदारों और किसानों दोनों को परेशानी होगी। सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।

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